लखनऊ (जनमत) :- उत्तर प्रदेश में बीते माह शुरू हुई चुनावी सरगर्मी से कोरोना की तीसरी लहर तेज हो गई है। ऐसे में समय से पहले कोरोना के पीक की आशंका है। प्रदेश में हर दिन आधा फीसदी संक्रमण की दर बढ़ रही है। जबकि एक्टिव केस का ग्राफ सात हजार तक पहुंच गया है। ऐसे में चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि रैलियां भले स्थगित हैं, लेकिन हर स्तर पर सावधानी की जरूरत है।प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर दिसंबर में शुरू हुई। एक दिसंबर को संक्रमण की दर 0.004 फीसदी रही, जो 31 को 0.13 फीसदी पर पहुंची। ऐसे में राज्य परामर्शदाता समिति का तर्क था कि फरवरी के मध्य में लहर पीक पर पहुंचेगी, लेकिन जनवरी में इसकी गति तेज हो गई।
इसी के साथ ही हर दिन संक्रमण की गति दोगुनी हो गई है। इसकी मूल वजह दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हुई चुनावी रैलियां मानी जा रही हैं।यही वजह है कि चुनाव आयोग की ओर से संक्रमण की गति को देखते हुए रैलियों पर रोक लगा दी गई हैं। वहीं चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड प्रोटोकॉल के पालन अब भी सही से नहीं हुआ तो तीसरी लहर समय से पहले आ सकती है।आयोग 15 जनवरी को समीक्षा करेगा। इसमें संक्रमण की गति का आकलन किया जाएगा। इसके बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।
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