लखनऊ (जनमत):- कोरोना का कहर देश पर जमकर बरस रहा है और इसे लेकर सरकार और प्रशासन दिन रात जुटा हुआ नज़र भी आ रहा है, जहाँ एक तरफ देश में ऑक्सीजन कि मांग पूरी करने के लिए कड़ी मशक्कत हो रहीं हैं वहीँ कई प्रकार के इन्तेजामो का दावा भी किया जा रहा है, वहीँ हालत ये हैं कि मरीजों को जहां एक ओर अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे हैं वहीं, रेलवे ने 400 बेड वाले 25 आइसोलेशन कोचों को क्वारंटीन कर रखा है।
पिछले साल बनाए गए इन कोचों का इस्तेमाल अभी तक नहीं हो सका है। हालांकि पिछले एक माह से हर हफ्ते इन आइसोलेशन कोचों की सफाई और सैनिटाइजेशन ज़रूर किया जा रहा है। मरम्मत कराकर टंकियों का पानी बदला जा रहा है, लेकिन मरीजों को इसका दूसरी लहर में रत्ती भर भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसपर रेलवे का कहना है कि जब शासन से इनकी डिमांड की जाएगी तभी इनका इस्तेमाल प्रशासन के सहयोग से किया जा सकेगा।पिछले साल आइसोलेशन कोचों को बनाने में रेलवे ने खूब पैसे खर्च किए थे। हर कोच में करीब 50 हजार रुपये से अधिक का खर्च आया था।
इसके बावजूद इसमें अब तक एक भी मरीज भर्ती नहीं किया गया। तबसे ये सारे कोच धूल फांक रहे थे। इसके बावजूद भी इन कोचों का इस्तेमाल न होना भी सवाल खड़ता है… अब बड़ा सवाल ये उठता हैं कि जहाँ देश में हर रोज़ मरीजों और कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा हैं वहीँ ऐसे संकट के समय में इन आइसोलेशन कोचों का इस्तेमाल न हो पाना कहीं न कहीं एक बहुत बड़ी लापरवाही कि तरफ इशारा ज़रूर करता हैं ..
Posted By:- Amitabhy Chaubey