फर्रुखाबाद (जनमत):- भारत में भले ही स्वच्छ अभियान चल रहा हो और गंगा स्वच्छता के नाम पर ढिंढोला पीटा जा रहा हो लेकिन हकीकत में गंगा के तट पर गंदगी ही गंदगी नजर आ रही है जिससे स्नानार्थियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के जनपद फर्रुखाबाद के पांचाल घाट गंगा तट पर मेला रामनगरिया में तंबू की नगरी बस गयी है। कल्पवासी भी पुण्य कमाने मेला रामनगरिया में होना डेरा लगाया लिया है । वहीं शहर का गंदा पानी गंगा में जाने से अभी तक नहीं रोका गया है।
मेला रामनगरिया का 28 जनवरी से शुभारंभ हो गया है इसके साथ ही कई जनपदों से आने वाले कल्पवासी भी गंगा में डुबकी लगा रहे है। इसके बावजूद शहर से जाने वाला नाले का पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। नगरपालिका द्वारा नाला बंद कराने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। भैरवघाट व माधौपुर के दोनों नालों का पानी गंगा में गिर रहा है। इससे प्रदूषित जल से श्रद्धालुओं को स्नान व आचमन करना मजबूरी होरही है । हालांकि हर वर्ष इसको लेकर साधु-संत विरोध प्रदर्शन भी करते हैं। इस बार भी नाले बंद कराने के लिए गंभीरता नहीं दिख रही है।
मेला रामनगरिया क्षेत्र में बुनियादी संसाधनों की कमी यहां आने वाले भक्तों व साधु-संतों के लिए परेशानी का सबब बनी हैं। गंगा के घाटों की सफाई के लिए लाखों रुपये खर्च किये जा रहे है। इसके चलते फर्रुखाबाद के गंगा घाट सफाई से कोसो दूर है। डीएम के सख्त निर्देशों के बाद भी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। मेला स्थल पर चौतरफा फैली गंदगी, पेयजल की उपलब्धता व शौचालयों का पर्याप्त इंतजाम न होने से लोगों में प्रशासन के खिलाफ भारी आक्रोश है|