बांसगांव/जनमत। प्रदेश सरकार गरीबों को सरकारी अस्पताल में सस्ता ईलाज व सारी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है तो वहीं सरकारी अस्पताल के कुछ डाक्टर मोटा कमीशन मिलने के फेर में बाहर की दवा और जांच करा रहे हैं।
बतादें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसगांव पर तैनात आयुष के डाक्टर जेपी वर्मा द्वारा मरीजों को धड़ल्ले से जिन मेडिकल कम्पनी के एजेंट द्वारा जितना मोटा कमीशन दिया जाता है उनकी दवा उतनी ज्यादा मरीज को लिखी जाती है। सीएचसी बांसगांव में आयुर्वेद के डाक्टर जेपी वर्मा द्वारा अपने चहेते एजेंट की दवा सरकारी पर्ची के अलावा एक सफेद पर्ची पर अलग से लिखी जाती है और सरकारी पर्ची पर हास्पिटल में उपलब्ध दवा लिखी जाती हैं।
बांसगांव सीएचसी पर ईलाज कराने आयी महिला सीमा उम्र 20 साल ने बताया कि पेट दर्द की समस्या थी जिसका ईलाज कराने बांसगांव आयी थी डाक्टर द्वारा सरकारी पर्ची पर सरकारी दवा और सफेद छोटी पर्ची पर बाहर की दवा लिखी गई है।
ईलाज कराने आयी एक दूसरी महिला मीरा देवी के पति ने बताया कि पत्नी को सर दर्द की समस्या थी जांच कराकर आज आयुर्वेद के डाक्टर जेपी वर्मा द्वारा सफेद पर्ची पर दवा लिखी गई हैं। सीएचसी के बाहर खुली जन औषधि केंद्र पर सस्ती दवा उपलब्ध होने के बावजूद डाक्टर द्वारा वहां की दवा नहीं लिखी जाती है अगर मरीज जन औषधि केंद्र से दवा लेता तो अच्छा खासा पैसा बच जाता।
इस संबंध मेंं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांसगांव के अधीक्षक डाक्टर कृष्ण मोहन अग्रवाल ने बताया कि दवा की हास्पिटल में कोई कमी नहीं है अगर दवा बाहर की लिखी हुई है तो नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा जायेगा।
REPORTED BY – AJEET SINGH
PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR