हरदोई (जनमत):- हरदोई में सरकारी धान खरीद प्रक्रिया पर किसान नेताओं ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकारी केंद्र बेहाल है और मंडी गुलजार हो रही है।किसान नेताओं का आरोप है कि केंद्र पर मनमानी के कारण किसान परेशान है इसलिए मंडी का रुख किये हुए हैं।मंडी गुलजार है जबकि केंद्र सन्नाटे में हैं और कागजों पर सब चाक चौबंद है।
धान खरीद को लेकर शासन के निर्देश के बाद सितंबर में ही जिले में तैयारियां शुरू हो गई थी खरीद केंद्रों का निर्धारण हो गया था और खरीद संस्थानों को जिम्मेदारियां देकर लक्ष्य आवंटित कर दिया गया था और निर्धारित समय पर खरीदारी शुरू हो गयी थी।तमाम झंझटों के बीच किसान को अपना धान क्रय केंद्रों की अपेक्षा मंडियों में बेचना अधिक सहूलियत भरा लग रहा है जिसके चलते न सिर्फ मंडियों में बड़ी मात्रा में धान खरीद हो रही है बल्कि केंद्रों पर फिलहाल वह रौनक नही दिख रही जो होनी चाहिए।
मंडी में किसान धान को नगद मूल्य पर बेचने के लिए ले जा रहा है उसे पंजीकरण तथा आनलाइन भुगतान के झंझट से भी मुक्ति मिल रही है और ई-पास मशीन पर अंगूठा भी नहीं लगाना पड़ रहा है। लिहाजा केंद्र सूने पड़े है और गल्ला मंडी आबाद हैं। धान खरीद व्यवस्था पर किसान नेताओं ने भी नाराजगी जताई है और इस मुद्दे पर अधिकारियों से वार्ता करने की बात कही है।भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के जिलाध्यक्ष राजबहादुर सिंह यादव ने कहा कि धान खरीद सिर्फ कागजों में चल रही है सरकारी क्रय केंद्र सही से काम नहीं कर रहे हैं जिससे किसान परेशान हैं।
कहा कि तमाम प्रकार की मंडियों में कटौती हो रही है प्रशासन सरकार के रेट लागू नहीं करा पा रहा है ऐसे में वह जिलाधिकारी से भी मिलने जा रहे हैं और इस पूरे मामले में बात करेंगे। वही दूसरे किसान नेता का कहना है कि दान केंद्रों पर किसानों का धान नहीं खरीदा जा रहा है 11 सौ रुपये में खरीद कर 2 हजार में बेचने वालों का धान खरीदा जा रहा है।बरहाल किसान नेताओं ने धान खरीद प्रक्रिया पर सवालिया निशान लगाए हैं और पूरे मामले में अधिकारियों से वार्ता कर व्यवस्था दुरुस्त कराए जाने की बात कह रहे हैं।