फर्रुखाबाद (जनमत):- जनपद में तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने भाजपा को जमकर आड़े हाथों लिया पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने रोजा इफ्तार के बाद मीडिया से बात करने के दौरान कहा कि लोकतंत्र की परिभाषा किसी की मर्जी से नहीं चलती लोकतंत्र तय करता है कि आम जनता किसको पसंद करती है सलमान खुर्शीद ने राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर मैं अगर भारत जोड़ो यात्रा पर निकलता तो मेरे साथ महज सौ 200 लोग ही साथ में आएंगे लेकिन जब राहुल गांधी कश्मीर से कन्याकुमारी तक यात्रा निकालते हैं तो कश्मीर में जहां पर सुरक्षा की काफी दिक्कतें रहती हैं लेकिन कम सुरक्षा के बाद भी राहुल गांधी कश्मीर की बर्फीली वादियों में जाकर अपनी बात कह कर आए और इस दौरान कोई भी घटना नहीं हुई आज लोकतंत्र किसी व्यक्ति को इतना सराहना देता है|
यह उसी का परिणाम है तो यह भी एक लोकतंत्र ही है कि जो किसी व्यक्ति को इतना समर्थन देता है वह चाहे किसी बंश से जुड़ा हुआ हो या वह अकेला व्यक्ति हो जब जनता उसको स्वीकार करती है तो आप उसकी परिभाषा बदल नहीं सकते हैं आपको बह परिभाषा रास नहीं आती है तो आप उस परिभाषा को बदल रहे हैं और हम उनकी परिभाषा पर नहीं जाएंगे आप लिखित इतिहास बदल रहे हैं लेकिन लिखित इतिहास को कोई बदल नहीं सकता है यह लोग किस दुनिया में जा रहे हैं मुझे नहीं समझ में आता है जेपीसी की जांच को लेकर सलमान खुर्शीद ने कहा कि अगर सत्य की जांच होनी चाहिए तो वह लोग क्यों डर रहे हैं जो सत्य होगा वह सामने निकल कर आएगा तो इस जेपीसी की जांच को लेकर क्यों सरकार डर रही है पूर्व विदेश मंत्री ने मीडिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज यह सवाल मीडिया को पूछना चाहिए लेकिन पसंद और सच्चाई में बहुत अंतर है जिसका सवाल मीडिया को करना चाहिए लेकिन जो सच्चाई है बो इनको रास नहीं आता है|
अगर विपक्ष के लोग पार्लियामेंट में खड़े होकर किसी बात का विरोध करें पार्लियामेंट के बाहर अगर कोई बोले तो मानहानि का मुकदमा करते हैं पार्लियामेंट के अंदर बोले तो माइक की आवाज बंद कर देते हैं अगर कोई ज्यादा प्रयास करें तो उस व्यक्ति को पार्लियामेंट से बाहर कर दिया जाता है उसकी जबाबदेही विपक्ष कि नहीं सरकार की ही है वही जब विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई की पार्टी से संबंधित सवाल किया गया तो सलमान खुर्शीद ने साफ कहा कि मैं उनकी पार्टी पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता लेकिन मैं इतना जरूर कहता हूं कि अगर कोई नेता सभी पार्टियों का प्रिय नेता बनता है तो अटल बिहारी वाजपेई को सिर्फ पंडित नेहरू इंदिरा जी के समय में सभी नेता सम्मान करते थे भारतीय जनता पार्टी के लोगों के लोग और अन्य सभी पार्टियों के लोग उनको बेहद पसंद करते थे|
मैं स्वयं उनके साथ जिनेवा गया जहां पर उन्होंने मुझे बहुत सम्मान दिया और जिनेवा में उन्होंने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया वह भारतीय जनता पार्टी की एक अलग तस्वीर थी लेकिन आज उससे अलग तस्वीर नजर आती है लेकिन उसकी जवाबदेही भारतीय जनता पार्टी की है विपक्ष की नहीं यह उनका निर्णय है इसका जवाब बही तय कर सकते हैं किस बात की जवाब देही सरकार तय करती है यह विदेश नीति का प्रश्न है और यह सुरक्षा नीति का भी प्रश्न है चीन हम पर हमला कर रहा है चीन हमारी धरती पर कब्जा किया चीन लगातार हम पर हमलावर हुआ चीन हमारी धरती पर नए गांव बसा रहा है और चीन लगातार गुर्रा गुर्रा कर हमसे कहता है कि गलती तुम्हारी है जबकि गलती सरासर उनकी है अगर हमारे संबंध इतने बिगड़ गए हैं तो दूसरी ओर चीनी कंपनियों को सामरिक सुरक्षा से संबंधित सामान क्यों दिया जा रहे हैं|
यह समझ नहीं आता है अगर चीन से हमारे संबंध अच्छे नहीं है तो चीन को कितना अबसर देंगे और कितना कारोबार करेंगे यह चर्चा होनी चाहिए यह समझने की जरूरत है कि बाजार में चीनी सामान कहां नहीं मिलता व्यापार के आंकड़े सब कहते हैं कि एक ट्रेड हो रहा है कि हमारा सामान निर्यात नहीं हो रहा है और उनका सामान आ रहा है उनकी पूंजी का निवेश हो रहा है व्यापार के फिगर स्पष्ट हैं अगर सेटेलाइट के दौर में कोई चीज निर्यात नहीं है तो इसकी जवाबदेही मीडिया की है मीडिया सवाल नहीं पूछ रही है चीन हमारे स्थानों पर हमलावर है और चीनी जगहों का नाम बदल रहे हैं लेकिन हम अपने घर में अपने नाम बदलते हैं यहां इतिहास बदल रहे हैं आगे क्या बचेगा यह आने वाला समय ही बता पाएगा जर्मनी को दिए गए जवाब में जर्मनी ने अपनी कोई गलती को स्वीकार नहीं किया है या फिर देश की तरह जबरन जर्मनी से गलती स्वीकार करबा ले|