लखनऊ में पंजाब सरकार के वित्त मंत्री ने कृषि विधेयक की खामियों को किया उजागर

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लखनऊ (जनमत):- संसद में पास हुए 3 कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों और विपक्षी पार्टियों के नेताओं की नाराज़गी लगातार बढ़ती जा रही है। 25 सितंबर को भारतीय किसान यूनियन के देश व्यापी आंदोलन के बीच पंजाब सरकार के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने भी कृषि विधेयक के मुद्दे पर प्रेस वार्ता के माध्यम से अपनी बात रक्खी। लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि यूपी का किसान इतना सीधा नहीँ कि अपना नफा नुकसान, चोर चौकीदार की समझ न कर सके।

6 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान की आमदनी को दोगुना करने को कहा था लेकिन कृषि में ग्रोथ 3.1 प्रतिशत है। इससे पहले यूपीए में ये ग्रोथ ज्यादा थी। किसानों की आय को दोगुना करने के तमाम दावे किये गए लेकिन 14 साल में इस साल कृषि आये सबसे कम है। मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि 18 साल में फसलों के दामों में सबसे कमी इसी वर्ष आई है। एमएसपी का रेट महंगाई के रेट से कम है ,अब जो किसान अपना धान और गेंहू बेचेगा उसको पिछले साल के मुताबिक कम दाम मिलेंगे।

सरकार ने किसान के खाते में 5 सौ रूपये देने के लिए कहा लेकिन किसान को 6 हजार के करीब तो डीजल के लिए ही ज्यादा देना पड़ रहा है। अगर किसान से कोई चीज खरीदकर कोई व्यापारी ले जाएगा और किसान को पैसा नहीं देगा तो उसे कैसे पकड़ा जा सकेगा। इस तरह बारी –  बारी से पंजाब सरकार के मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कृषि विधेयक की खामिया गिनाई और इससे संबंधित मीडिया कर्मियों के सवालो का जवाब भी दिया।

Posted By:- Amitabh Chaubey