अलीगढ़ (जनमत ) :- उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में वन विभाग से पेड़ काटने की अनुमति के बदले भ्रष्टाचार और रिश्वत मांगने का प्रकरण सामने आया है | इसमें क्षेत्रीय वन अधिकारी और एक वन दरोगा दस हजार की रिश्वत लेते हुए कैद हुए हैं. पीड़ित ने रिश्वत देने के दौरान वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया |
पीड़ित ने मुख्यमंत्री को भी ट्वीट कर वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत की है| वहीं जिला वन अधिकारी ने इस मामले को संज्ञान लेते हुए क्षेत्रीय वन अधिकारी और दरोगा को निलंबित करते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है| इस मामले में भारतीय किसान यूनियन ने बन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है।
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद अलीगढ़ जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने जाँच कमेटी गठित करते हुए आज ही देर शाम तक जाँच कमेटी को रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं। डीएम के सामने देर शाम तक रिपोर्ट पेश होने के बाद दोनों भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल यह मामला उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के थाना जवां इलाके के एक गाँव का है. जहाँ गाँव के किसान प्रांजल जादौन के अनुसार उन्होंने अपने खेतों में सागौन के 80 पेड़ काटने के लिए 4 महीने पहले वन विभाग से अनुमति मांगी थी. प्रांजल ने आरोप लगाया है कि क्षेत्रीय वन अधिकारी अरविंद कुमार और वन दरोगा मुकेश कुमार पेड़ काटने की अनुमति देने के बदले 32 हजार रुपये की रिश्वत माँग रहे थे. इस मामले को लेकर प्रांजल और उनके चाचा 25 अगस्त को वन विभाग में क्षेत्रीय वन अधिकारी से मिलने भी पहुँचे थे. इस दौरान वन दरोगा और क्षेत्रीय वन अधिकारी इन्हें पेड़ काटने की अनुमति देने के लिए रिश्वत की माँग की. इस पर प्रांजुल ने दस हजार रुपये की रिश्वत के रूप में दे दिए और वही रिश्वत देते हुए इसका गोपनीय वीडियो भी बना लिया |
वहीं रिश्वत लेने के इस मामले पर एडीएम राकेश पटेल का कहना है कि जिला प्रशासन के संज्ञान में वन विभाग के अधिकारी और दरोगा के द्वारा 10 हजार रुपया रिश्वत अपने कार्यालय में लेने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला प्रशासन के सामने आया है। मामले में जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह को भी लिखित में शिकायत की गई। जिलाधिकारी ने मामले में तत्काल संज्ञान लेते हुए जाँच कमेटी गठित करते हुए आज ही देर शाम तक ही रिपोर्ट प्रेषित किए जाने का सख्त आदेश दिया है। देर शाम तक जाँच रिपोर्ट आने के बाद वन विभाग के दोनों भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करना डीएम द्वारा सुनिश्चित किया गया है।