लखनऊ (जनमत):- जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख़्तार अंसारी के एक और करीबी पूर्व ब्लॉक प्रमुख की बाइक सवार बदमाशों ने लखनऊ में फिल्मी अंदाज में ताबड़तोड़ गोली दागकर हत्या कर दी। जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया है उससे पुलिस को आशंका है कि हत्यारे पेशेवर शूटर थे और वह मुख्तार के करीबी को ही मारने आये थे। घटना में मृतक के एक साथी और सड़क से गुजर रहे एक डिलीवरी बॉय को भी गोली लगी है।
हालांकि दोनों की हालत खतरें से बाहर बताई गई है। मौके पर पहुची पुलिस को घटनास्थल से 32 बोर और नाइन एमएम कारतूस के खाली खोके बरामद हुए। पुलिस के मुताबिक मृतक खुद एक अपराधी था और उसके खिलाफ मऊ में हत्या समेत कई संगीन मामले दर्ज है। वारदात में तकरीबन 30 राउण्ड फायरिंग की गई थी।
गैंगवार की सनसनीखेज वारदात को बदमाशों ने लखनऊ के थाना विभूतिखण्ड इलाके में अंजाम दिया है। कठौता झील के पास सचिवालय पास लगी बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियों सवार जनपद मऊ निवासी अजीत सिंह अपने साथी मोहर सिंह के साथ पैदल सड़क पार कर रहे थे तभी पहले से घात लगाए मोटरसाइकिल सवार तीन बदमाशों ने घेर कर अजीत सिंह पर ताबड़तोड़ गोलियां दागनी शुरू कर दी। इस बीच अजीत सिंह का साथी फायरिंग करते हुए स्कॉपियों की तरह भागा।
हालांकि दूसरे पक्ष की ओर से अभी फायरिंग करने की तस्दीक नहीं हो पाई। इस बीच बदमाशों ने ताबड़तोड़ 3 दर्जन राउंड फायरिंग की। फायरिंग में तकरीबन एक दर्जन से अधिक गोलियां अजीत सिंह को दागी गई थी। हालांकि पुलिस का मांनना है कि पीएम रिपोर्ट के बाद ही तय होगा कि अजीत सिंह को कितनी गोलियां दागी गई। हमलावरों के हमले में अजीत सिंह के साथी मोहर सिंह और जोमैटो के डिलीवरी बॉय आकाश यादव को भी गोली लगी है। हालांकि दोनों की हालत खतरें से बाहर बताई गई। इस बीच भगदड़ मचने के बाद बाइक सवार बदमाश मौके से आसानी से फरार हो गए।
मौके पर पहुंची पुलिस ने जब सनसनीखेज तरीके से हुई वारदात की पड़ताल शुरू की तो पता चला कि मृतक अजीत सिंह जनपद मऊ का मूल निवासी था। मृतक अजीत पर 17 से 18 मुकदमें दर्ज है। दर्ज मुकदमों में 5 हत्या के भी मुकदमें है। अजीत सिंह के खिलाफ 31 दिसंबर 2020 को मऊ डीएम द्वारा 6 महीनें के लिए जिला बदर की कार्रवाई की गई थी। हत्यारे कौन थे और क्यों वारदात को अंजाम दिया यह फिलहाल साफ नहीं हो सका है। यह जरूर है कि फौरी जाँच में पुलिस को जानकारी हुई है कि मृतक अजीत सिंह ने 2019 में मऊ जिला प्रशासन से खुद की जान का खतरा बताया था। इसके अलावा पुलिस को यह भी चला है कि पूर्व विधायक सर्वेश सिंह की हत्या में अजीत सिंह गवाह थे। जल्द ही इनकी गवाही होनी थी। इसी मामले को लेकर ही मृतक ने मऊ जिला प्रशासन से शिकायत की थी कि जेल में बंद पूर्व विधायक के हत्यारोपी उसे जान से मारने की धमकी दे रहे है। घटना की मुख्य वजह फिलहाल यही मानी जा रही है। हालांकि पुलिस कमिश्नर डी के ठाकुर का कहना है कि मृतक के साथी मोहर सिंह से पूछताछ के बाद हत्यारों को जल्द गिरफ्तार किया जायेगा। डी के ठाकुर ने बताया कि मौके पर 32 बोर और नाइन एमएम कारतूस के खाली खोखे बरामद हुए है।
पिछले दिनों लखनऊ में हुई संगीन वारदातों पर गौर करें तो सभी में एक बात कॉमन है कि लखनऊ में बदमाश बेखौफ होकर ताबड़तोड़ गोलियां दागकर हत्या की वारदात को अंजाम दे रहे है। चाहे मोहनलालगंज में हुई व्यापारी नेता की हत्या हो या फिर थाना ठाकुरगंज इलाके में हुई प्रॉपर्टी डीलर की गोली मारकर हत्या हो। दोनों में ही बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां दागी थी। थाना विभूतिखण्ड इलाके में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या भी इसी बात का नतीजा है कि कमिश्नरी पुलिस वाले लखनऊ में अपराधी बेखौफ हो चुके है और यहाँ कभी भी बदमाश किसी को भी अपनी गोली का निशाना बना सकते है।
Posted By:- Amitabh Chaubey