लखनऊ (जनमत) :- देश में बढ़ रही कोरोना की दूसरी लहर में उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण कम नहीं हो रहा है। संक्रमण प्रभावित देशों की सूची में UP चौथे और एक्टिव केस के मामले में दूसरे नंबर पर है। सोमवार को लखनऊ में पूर्व रॉ एजेंट मनोज रंजन दीक्षित (56 साल) का निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित थे। उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। आर्थिक तंगी से जूझ रहे मनोज रंजन ने सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए मदद मांगी थी। लेकिन CMO ऑफिस से रेफरल लेटर बनने में काफी देर हो गई।मनोज रंजन दीक्षित को जासूसी करने के आरोप में 1992 में पकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। अफगानिस्तान बॉर्डर पर जासूसी के लिए पकड़े जाने पर उन्हें तमाम तरह की यातनाओं का सामना करना पड़ा था। फिर भी उन्होंने देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया।
उसके बाद वहां की शीर्ष अदालत के आदेश पर साल 2005 में उन्हें उन्हें बाघा बॉर्डर पर छोड़ा गया था। पाकिस्तान में जासूसी के दौरान उनका नाम यूनुस, युसूफ और इमरान था। जानकारी के 80 के दशक में रॉ में प्रशासनिक सेवाओं की तरह आम नागरिकों को उनकी योग्यता के आधार पर भर्ती किया जा रहा था। 1985 में मनोज रंजन दीक्षित को नजीबाबाद से भर्ती किया गया। दो बार सैन्य प्रशिक्षण के बाद उन्हें पाकिस्तान भेजा गया। उन्होंने पाकिस्तान से बतौर जासूस कई अहम जानकारियां साझा की थीं। कश्मीरियों युवाओं को बहला-फुसलाकर अफगानिस्तान बॉर्डर पर ट्रेनिंग दिए जाने जैसी कई अहम जानकारियां शामिल थीं। 1992 में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कराची जेल में रखा गया था।
PUBLISHED BY:- ANKUSH PAL..