औरैया (जनमत):- उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया में औरैया पुलिस ने एक ऐसे गैंग के दो सदस्यों को सलाखों के पीछे पहुँचाया है | जिनके अपराध करने का तरीका बिल्कुल अलग था | यह गैंग लोगों से ठगी करने के लिए जिले में खुद की ही बैंक को खोले हुए थे और जिले में कई ब्रांचों को खोलने और उस मे एंप्लॉय रखने के लिए लोगों से सिक्योरिटी मनी के नाम पर लाखों रुपये लेते थे और उन्हें महीने की सैलरी भी दिया करते थे |साथ ही काम कर रहे लोगों को ही शिकार कर उनके दोस्त रिश्तेदारों को नौकरी पर रखने की बात कह कर उनसे भी सिक्योरिटी मनी लेते लेकिन इस बात का खुलासा जब हुआ जब एक युवक से करीब 7 लोगों को नौकरी दिलाने के नाम से मोटी रकम ली लेकिन नौकरी नहीं दी।
जिसकी शिकायत हुई तो पुलिस ने जाँच पड़ताल शुरू की और दो लोगों को बैंक के सामानों के साथ गिरफ्तार किया।एसपी साहब के पीछे मास्क लगाए खड़े यह लोग भले ही उम्र में कम दिखाई पड़ रहे हो लेकिन इनके कार्यनामा सुनकर आप भी हैरान रह जाएगे।औरैया पुलिस ने इस गैंग का खुलासा करके एक बड़ी कामयाबी हाशिल की है। नौकरी का लालच आज हर किसी युवाओं और युवतियों के मन मे रहता फिर वह लालच भले ही रिश्वत देकर क्यों हो औरैया जिले के दिबियापुर थाना क्षेत्र से ही एक ऐसा मामला सामने आया है | जहाँ पुलिस ने दो आरोपी असलम और लल्ली को गिरफ्तार किया है | इन दोनों के कार्यनामा सुनकर पुलिस भी हैरान हो गई जब इन लोगों ने अपने जुर्म को खुद कबूला की यह लोग लोगों को कैसे शिकार करते थे |
इस गैंग का मास्टरमाइंड लल्ली ने पुलिस को बताया कि हम लोग खुद की एक फर्जी बैंक को बनाया जिसका नाम भी दिया ‘डिजिटल आर्यवृत लिमिटेड’ इस बैंक में लोगो को अपनी पोस्ट ए.एस.एम की बताता था और नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपए उन से लेता था साथ ही उन्हें महीने की सैलरी भी देता था| दिबियापुर थाने में पुलिस को एक शीलू नाम के युवक ने शिकायत दर्ज कराई थी | जिसमें उसने लिखा था कि एक युवक मुझे मिला जो अपना नाम लल्ली बताया और उसने कहा कि वह एक प्राइवेट बैंक में ए.एस. एम की पोस्ट पर है और उस की बैंक में नौकरी की जगह खाली है | इस पर मैंने कहा मुझे नौकरी की जरूरत है | तब लल्ली ने मुझ से मेरे डॉक्यूमेंट लिए यह कह कर की इस बैंक के चेयरमैन असलम उर्फ रजा है |जिन्हें में तुम्हारे डॉक्यूमेंट दिखाऊंगा तब बताता हूँ | इसके बात मुझे लल्ली ने बुलाया और मुझको नौकरी दिलाने के नाम पर सिक्योरिटी मनी के रूप में करीब एक लाख 80 हजार रुपए ली जिसके बाद मुझे तीन महीनों तक 14 हजार की सैलरी भी दी। कुछ दिनों बाद बैंक में लल्ली ने यह कहा कि हमारी ब्रांच जालौन जिले में एक और ब्रांच खोलने जा रही है | अगर तुम्हारा को दोस्त रिश्तेदार हो तो उसके लिए ऑफर है और जो सिक्योरिटी मनी तुमसे लगी थी | वह भी लगेगी जिसके बाद हमने अपने अपने 7 रिश्तेदारों को बैंक में नौकरी लगवाने की बात कही और वह राजी हुए और उन सभी ने करीब 12 लाख 60 हजार रुपए दिए लेकिन महीने बीत जाने के बाद कोई जबाब नही मिला इधर तीन महीने बाद बैंक भी बंद हो गई | जिसके बाद किसी से सम्पर्क नहीं हुआ और मेरे रिश्तेदार मुझे गाली गलौज करने लगे थे। पुलिस ने मुखबीर की सूचना पर दोनों आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया और निशानदेही पर बैंक में प्रयोग लाए जाने वाले डॉक्यूमेंट इनवाईटर मोबाइल सहित कई चीज़ों को बरामद किया।
एसपी चारु निगम ने बताया दिबियापुर पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी थी जाएगी युवक द्वारा लिखित प्रार्थना पत्र दिया गया था जिसमें कहा गया था कि एक युवक द्वारा उसे बैंक में नौकरी लगवाने के नाम पर 180000 लिए गए थे | इसके बाद उसे नौकरी भी दी गई और 3 महीने तक 14000 की सैलरी दी गई लेकिन बैंक में काम कर रहे मैनेजर की पोस्ट पर लल्ली ने बताया कि हमारी इस बैंक की ब्रांच जालौन जिले में और खोली जा रही है |
जिसमें कई लोगों की नौकरी के लिए जगह खाली है इसके बाद वादी ने अपने रिश्तेदारों के इस बात की जानकारी दी और वह राजी हुए जिस पर उन्होंने नौकरी लगने को लेकर करीब 1260000 रुपए 7 लोगों ने दिए लेकिन 3 महीने के बाद बैंक बंद हो गई और नौकरी भी नहीं मिली जिस पर वादी को रिश्तेदार फोन पर गलियाँ देते थे और पैसे वापस करने की मांग करते थे पुलिस में शिकायत दर्ज होने के बाद मामले को गंभीरता से लिया गया कई टीमें गठित की गई | जिसके बाद दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है बैंक में यूज करने वाले कई उपकरणों को भी बरामद किया है पुलिस अभी इन लोगों से और भी जांच कर रही है कि कहीं और जिलों में इनकी ठगी का यह कारनामा तो नहीं चल रहा था |