गोरखपुर(जनमत):- पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक विनय कुमार त्रिपाठी की अध्यक्षता में वर्चुअल रूप से क्षेत्रीय रेल राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में प्रमुख विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ रेल अधिकारी तथा राजभाषा सम्पर्क अधिकारियों ने वर्चुअल रूप से भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता करते हुये महाप्रबन्धक त्रिपाठी ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी ने पूरे देश की कार्यप्रणाली को प्रभावित किया है। इस दौरान हमारे बहुत से रेलकर्मी असमय काल-कवलित हो गये हैं, मैं उनके प्रति अपनी हार्दिक संवेदनायें व्यक्त करता हूँ।
ऐसी विषम परिस्थितियों में भी हमारे जांबाज रेल कर्मचारियों ने रेल के पहियों को रूकने नही दिया। दिन-रात अपने त्याग और ड्यूटी को अपना कर्तव्य मानते हुए खाद्य सामग्रियों, दवाओं और आक्सीजन जैसे जीवन उपयोगी जरूरतों को पूरा करने में कोई कमी नहीं रखी। उन्होंने कहा कि राजभाषा के प्रयोग के क्षेत्र में इस बार रेल मंत्रालय ने पूर्वोत्तर रेलवे को रेल मंत्री राजभाषा शील्ड से पुरस्कृत किया है। इसका श्रेय आप सभी के सहयोग को जाता है। निष्चित रूप से यह दौर गत वर्ष की तुलना में अधिक चुनौतियों से भरा था। उन्होंने कहा कि भारत में अनेक भाषायें प्रचलन में हैं परन्तु उनमें हिन्दी का एक विषेष स्थान है, क्योंकि इसे देश का बहुमत समझता है, इसलिए संविधान में हिन्दी को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया है।
अतः केन्द्र सरकार के प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी के लिए राजभाषा के सभी प्रावधानों को मानना न केवल संवैधानिक रूप से आवष्यक है बल्कि क्षेत्र में होने के नाते हमारी नैतिकता का तकाजा है। महाप्रबन्धक ने कहा कि हिन्दी भाषा के प्रयोग के क्षेत्र में हम जिस शिखर पर पहुंच चुके हैं, उसमें कोई गिरावट न आने पाये। आप सभी किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें, सदैव मास्क का प्रयोग, सैनिटाइजेषन और दो गज की दूरी का पालन करें। बैठक का संचालन राजभाषा अधिकारी ध्रुव कुमार श्रीवास्तव ने किया ।