गोरखपुर (जनमत):- पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक चन्द्र वीर रमण ने प्रमुख विभागाध्यक्षों, मण्डल रेल प्रबंधक/लखनऊ एवं वरिष्ठ रेल अधिकारियों के साथ गोरखपुर परिक्षेत्र के गोरखपुर जंक्शन, नकहा जंगल स्टेशन व गोरखपुर कैंट स्टेशनों पर चल रहे विकास कार्यो का गहन निरीक्षण किया।
गोरखपुर जं. रेलवे स्टेशन पर निरीक्षण के प्रारम्भ में महाप्रबंधक ने वरिष्ठ रेल अधिकारियों के साथ स्टेशन पर उपलब्ध यात्री सुविधाओं के उन्नयन हेतु चल रही विकास परियोजनाओं के साथ कुसम्ही-डोमिनगढ़ के मध्य तीसरी नई लाइन तथा गोरखपुर-नकहा जंगल दूसरी लाइन के निर्माण कार्या की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने सुविधाओं में सुधार हेतु रेल यात्रियों से फीड बैक भी लिया। उन्होंने प्लेटफार्म सं.-02 पर स्थित ’एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना के अंतर्गत ’टेराकोटा’ स्टाल का अवलोकन किया। उन्होंने लोको पायलटों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं पर संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा की।
महाप्रबन्धक ने गोरखपुर जं. स्थित मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री का गहन निरीक्षण किया। इसके उपरांत निमार्णाधीन आर.आर.आई भवन का निरीक्षण किया तथा संबंधित अधिकारियों को शेष कार्यो को शीघ्रता से जल्द पूरा किये जाने का निर्देश दिया। नकहा जंगल स्टेशन का निरीक्षण करते हुये महाप्रबंधक स्टेशन पर चल रहे यात्री सुविधा एवं अन्य विकास कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के अन्त में महाप्रबंधक ने गोरखपुर कैंट स्टेशन पर यात्री सुविधाओं के क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने यात्री सुविधाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए तथा निर्माणाधीन परियोजनाओं पर व्यय में मितव्यता पर विशेष ध्यान देने हेतु निर्देश दिया। महाप्रबन्धक ने उपस्थित अधिकारियों को गोरखपुर कैन्ट एवं नकहा जंगल रेलवे स्टेशनों को टर्मिनल स्टेशन के रूप में विकसित किये जाने के कार्या में और तेजी लाने का सुझाव दिया।
इस अवसर पर मुख्य परिचालन प्रबन्धक संजय त्रिपाठी, प्रमुख मुख्य वाणिज्य प्रबन्धक संजय कुमार मिश्र, प्रमुख मुख्य इंजीनियर रंजन यादव, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी/निर्माण राजीव कुमार, मंडल रेल प्रबंधक/लखनऊ आदित्य कुमार, अपर मंडल रेल प्रबंधक(इन्फ्रा)/लखनऊ संजय यादव, मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह तथा मुख्यालय एवं लखनऊ मण्डल के वरिष्ठ रेल अधिकारी उपस्थित थे। उक्त जानकारी मुख्य जनसम्पर्कअधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के द्वारा प्राप्त हुई|