उरई (जनमत):- ख़बर उत्तर प्रदेश के जनपद उरई से है जहाँ अभी हाल ही में सेवानिवृत हुए डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान ने एक आदेश पारित किया था | जिसमें समस्त पुलिस स्टाफ को फ्री यात्रा न करने का फरमान जारी किया था लेकिन यूपी पुलिस कहाँ आदेश मानने बाली | रविवार को मुंबई से लखनऊ स्पेशल 22121 एक ट्रेन चलती है , जो सम्पूर्ण वातानुकूलित है | झांसी से एक पुलिस कांस्टेबल सतेंद्र यादव ट्रेन में बैठकर उरई आ रहे थे , तभी मुख्य टिकिट निरीक्षक टिकिट चेक करने आते है और सतेंद्र से टिकिट दिखाने के लिए बोलते है , “वर्दी की धौंस के आगे यूपी पुलिस के आगे कोई नहीं लगता” लेकिन तमाम कहासुनी के पश्चात मुख्य टिकिट निरीक्षक बिना टिकिट यात्रा के लिए मनाही करते , लेकिन सतेंद्र यादव नहीं माने और बोले उरई चलकर तुम्हे टिकिट देंगे जैसे ही गाड़ी उरई रुकती तो पहले से थानाध्यक्ष सहित पूरा स्टाफ खड़ा था | मुख्य टिकिट निरीक्षक से अभद्रता शुरू हो जाती है जबकि सीटीआई नियम के मुताबिक टिकिट की बात कहते रहे ।थानाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह अपनी हेकड़ी के आगे किसी कि सुनना ही नहीं चाह रहे थे ।
इसके पूरे प्रकरण के ट्रेन एक घंटे से अधिक स्टेशन पर खड़ी रही। रेलवे के नियम के मुताबिक किसी भी ट्रेन को जानबूझ कर लेट किए जाने पर प्रति मिनट दस हजार से अधिक दंड है फिलहाल सीटीआई ने उरई में कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया है | उन्होंने कहा कि लखनऊ में प्रार्थना पत्र देंगे |