लखनऊ (जनमत) :- हजारों सालो से आखिर क्यूँ ये दाग मेरे दामन पर बरकरार है… भीड़ में मेरा चीरहरण हुआ और रात के सन्नाटे में हर कोई मेरी आबरू लूटने को बेकरार है…. देश की राजधानी दिल्ली में हुए निर्भयाकाण्ड ने जहाँ देश के साथ ही विदेश का ध्यान महिलाओं पर हो रहें अपराध पर अपनी ओर खीचा और बड़े- बड़े कड़े कानून बनाकर ऐसे अपराधों को रोके जाने का दावा भी समय समय पर किया गया लेकिन निर्भया से शुरू हुआ अपराध आसिफा होता हुए आज प्रियंका रेड्डी तक पहुच चूका है और बड़े व कड़े कानून धरे के धरे रह गएँ हैं. देश की आधी आबादी घुटन की सिसकियाँ ले रही है और हम महिलाओं पर अपराध होने का इंतज़ार कर रहें हैं जिसके बाद अपराधियों को कड़ी सजा देकर बड़ी नज़ीर पेश किये जाने का दावा किया जा सकें. लेकिन ऐसा कानून आखिर किसी की आबरू लुटने से पहले ही क्यूँ नहीं बना दिया जाता जिससे महिलाए अपने ही देश में खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें. हैदराबाद में दिल्ली के निर्भया कांड जैसी हैवानियत ने यह सवाल एक बार फिर खड़ा कर दिया जिसके बाद इस घटना से नाराज लोगों का गुस्सा जेहन से बाहर निकलकर सरकार और समाज के ठेकेदारो पर फूट पड़ा।
इसी के चलते राजधानी लखनऊ में हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ने इस क्रूर घटना के प्रति अपना रोष जाहिर कर प्रदर्शन किया. प्रसपा कार्यकर्ताओं ने मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रीयंका रेड्डी हत्याकांड को लेकर जहाँ अपना विरोध जताया वहीँ दूसरी तरफ महिलाओं के प्रति बढते अपराध को लेकर भी अपना रोष जाहिर किया. इसी के साथ ही केंद्रीय सरकार से ऐसे अपराध के लिए कड़ी सजा का प्रावधान किये जाने की मांग भी की जिससे महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध पर पूरी तरह से अंकुश लगाया जा सके. हालाँकि महिलाओं के प्रति बढ़ता हुआ अपराध अगर ऐसे ही ज़ारी रहा तो आने वाले समय में देश में जंगल राज जैसी स्थिती पैदा हो जाएगी और कानून व्यवस्था के साथ ही सरकार पर से लोगो का विश्वास उठ जाएगा.
Posted By :- Ankush Pal