उरई (जनमत):- यहां के प्राचीन हाथ कागज को भारत सरकार ने बौद्धिक संपदा मानते हुये जीआई टैग कर दिया। बताया गया है कि इससे यहां के इस कागज को पूरे विश्व में अलग कानूनी पहचान मिलेगी।
पदमश्री से सम्मानित जीआई टैग के विशेषज्ञ बनारस के डां रजनीकान्त दुबे ने यह जानकारी देते हुये बताया कि कालपी के हैडमेड पेपर का जीआई में 733 नम्बर से रजिस्ट्रेशन किया गया है। आपको बताते चलें कि कोविड-19 के समय में जीआई पंजीकरण हेतु कालपी की हस्तनिर्मित कागज समिति ने अपना आवेदन 2019-20 में चेन्नई भेजा था। लम्बी एवं कानूनी जद्दोजहद के बाद जिसमें कालपी के हाथ कागज उद्यमियों को कई बाद परीक्षा देनी पड़ी तब यह शुभ अवसर प्राप्त हुआ। इससे हाथ कागज देश की बौद्धिक संपदा में शुमार हो गया है। इसमें नाबार्ड एवं उत्तरप्रदेश सरकार का सराहनीय संयुक्त प्रयास रहा।
Reported By:- Sunil Sharma
Posted By:- Amitabh Chaubey