हाथरस (जनमत):- हैवानियत की सारी हदें बर्दाश्त करने के बाद आखिरकार उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस निवासी गैंगरेप की शिकार दलित किशोरी दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल में ज़िंदगी की जंग हार गई। इससे पहले पीड़िता का अलीगढ के जे एन मेडिकल कॉलेज में ईलाज चल रहा था। हालत बिगड़ने पर बेहतर ईलाज के लिए उसे दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जहा उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। गैंगरेप की शिकार पीड़िता की मौत के बाद पहले से कटघरे में खड़ी योगी सरकार पर विपक्षी पार्टियो ने चौतरफा जुबानी हमला बोल दिया है। पीड़िता की मौत से पहले बसपा सुप्रीमों, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं समेत तमाम लोगों ने घटना को लेकर सरकार पर चौतरफा हमला बोला था।
हाथरस की निर्भया अब नहीं रही। ज़िंदगी के लिए मौत से लड़ रही हाथरस की निर्भया की दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल में ईलाज के दौरान मौत हो गई। पीड़िता की मौत की मौत के बाद एक बार से साबित हो गया कि पुरुष प्रधान समाज में महिला और किशोरी की सुरक्षा के दावे और वायदे तो तमाम किये जाते है लेकिन ये दावे तो सिर्फ कागजो तक ही सीमित रहते है। हाथरस की घटना इसका एक बड़ा उदाहरण है। इससे पहले 14 सितंबर को हाथरस के कोतवाली चंदपा इलाके में ठाकुर समाज के हैवानों ने दलित किशोरी के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था। विरोध करने पर आरोपियों ने पीड़िता की बेरहमी से पिटाई भी की थी। सोचिये दरिंदे किस नीच मानसिकता के होंगे कि जिन्होंने गैंगरेप के वक्त पीड़िता की बेरहमी से पिटाई की और उसकी जुबान भी काट ली।
आरोपियों की पिटाई से पीड़िता की कमर की हड्डी टूटने के साथ ही उसके शरीर के कई अन्य हिस्सों में भी गंभीर चोट आई थी। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता के परिजनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। साथ ही पीड़िता के ईलाज के लिए उसे अलीगढ के जे एन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। यहाँ हालत बिगड़ने पर उसे सोमवार को ही दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहा पर ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इतना सब कुछ होने के बाद ही आरोपियों के बेखौफ परिजन पीड़िता के परिजनों को उन्नाव जैसा काण्ड भुगतने की धमकी दे रहे थे। सुनिए एक दिन पहले ही मृतका के पिता ने क्या कहा था।
जिन मुद्दों को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई थी वही मुद्दे गायब हो चुके है। विकास से लेकर सुरक्षा के तमाम बड़े – बड़े दावे किये गए। बेहतर कानून व्यावस्था के लिए चहेते अधिकारियों के इशारे पर सूबे के दो जनपदों में पुलिस कमिश्नरी व्यावस्था लागू की गई। अपराधियों पर प्रभावी के लिए पुलिस की आपातकालीन सेवा डॉयल 100 का नाम बदल कर 112 किया गया लेकिन सब ढाक के तीन पात साबित हुए। प्रदेश से मिल रही मौजूदा खबरों के मुताबिक न तो अपराधियों में पुलिस का खौफ है न ही पीड़ितों को समय से न्याय मिल रहा है। वो बात अलग है कि व्यक्तिगत निशाने पर लिए गए चुनिंदा लोगों पर पुलिसिया कार्रवाई हो रही है और नाम दिया जा रहा है कि अपराधियों के हौसले पस्त करने के लिए सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है।
फिलहाल हाथरस मामले में पुलिस अधिकारी प्रकाश कुमार ने बताया कि दुर्भाग्य से पीड़िता की दिल्ली में मौत हो गई है। इस मामले में 376 – डी और 307 के तहत पहले ही मामला दर्ज है और सभी आरोपी जेल में है। अब 307 को 302 में तरमीम किया गया है। मामले में नियमानुसार सहायता राशि भी परिजनों को दी जा चुकी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि पीड़िता का दिल्ली में पोस्टमार्टम होगा और उसके शव को लाने के लिए पुलिस अधिकारियों की टीम मौके पर रवाना हो चुकी है। कानून व्यावस्था के मुद्दे पर पहले से घिरी योगी सरकार पर हाथरस की घटना ने आग में तेल नहीं घी डालने का काम किया है। इस मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए विपक्षी राजनीतिक पार्टियों ने अपना – अपना बयान जारी करना शुरू कर दिया है। तो कुछ पार्टियां इस मुद्दे को लेकर सड़क पर उतरने की भी तैयारी में है।
Posted By:- Amitabh Chaubey