मथुरा (जनमत ) :- उत्तर प्रदेश जनपद मथुरा में शिक्षा के लिए संघर्ष की बात करें तो देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का नाम बरबस ही याद आता है, जो अभाव भरी जिंदगी में मीलों नदी पार करके पढ़ने के लिए स्कूल जाया करते थे। इस तरह के उदाहरण आपको विरले ही देखने को मिलेंगे। तीन लोक से न्यारी मथुरा में पढ़ने का ऐसा ही जोश, जज्बा व समर्पण एक किशोर में देखने को मिल रहा है, जो तमाम अभावों को धता बताते हुए पढ़ाई कर रहा है।
हम बात कर रहे हैं 14 वर्षीय शकील की, जो साधनों के अभाव में रात को स्ट्रीट लाइट के नीचे बैठकर पढ़ाई करता है। शकील मूल रूप से आसाम का निवासी है, जिसके मां बाप नहीं है। अनाथ शकील मथुरा में बाकलपुर के निकट रोड पर अपना अस्थाई आशियाना बनाए हुए है। जहाँ एक तरफ तख्त डाल कर वह रहता है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय बाकलपुर में कक्षा आठ में पढ़ने वाला शकील स्टेट बैंक बाकलपुर शाखा में नहा धो तैयार होकर स्कूल के लिए निकल जाता है।
शकील के मां बाप नहीं है अनाथ शकील पढ़कर आगे बढ़ने की तैयारियों में जुटा हुआ है। शकील का ये समर्पण उन बच्चों के लिए एक मिसाल है, जो तमाम सुख-सुविधाओं के बावजूद भी पढ़ाई में मन नहीं लगाते हैं।
हमारे साथ बातचीत में शकील ने कहा कि वह बड़ा होकर यूपीएससी की तैयारी करेगा। इस दौरान शकील ने हमारे साथ अपनी दिनचर्या का भी साझा किया ।
Reported By :- Sayyed Jahid
Published By :- Vishal Mishra