लखनऊ (जनमत):- एक तरफ उत्तर प्रदेश में लोक सभा चुनाव को लेकर तैयारियां चल रही है वही सभी विभागों में जो पद रिक्त है उनकी तैनाती हेतु प्रस्ताव मुख्यमंत्री कर्यालय को भेजी जा रही है | इसमें सबसे अहम विभाग स्वास्थ्य विभाग आता है | सभी विभाग लगभग अपनी सभी तैयारियां कर चुके है लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस मामले में बहुत ही पिछड़ा हुआ है| वही कुछ तैयारियां विभाग द्वारा की भी गई तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपनी मनमानी कर रहे है जबकि सीएम योगी के द्वारा आदेश जारी किया गया था जिसमे ये उल्लिखित था की कोई भी मंत्री/ विभागीय अधिकारी/सक्षम अधिकारी किसी भी प्रकरण की फ़ाइल ऑनलाइन/ ऑफलाइन आदि को अपने पास एक पक्ष से अधिक समय तक नहीं रोकेगा और एक पक्ष के भीतर सभी फ़ाइलो का निस्तारण करेगा, ऐसा न करने पर सम्बंधित पर विभागीय/ शासकीय कार्यवाही की जा सकती है. मुख्यमंत्री के आदेशों का भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में कोई डर नहीं रह गया है|
आपको बता दे कि स्वास्थ्य जोकि सबसे अहम विभाग माना जाता है जिसके मुखिया उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक है| जानकारी के अनुसार प्रदेश के आधा दर्जन जनपद ऐसे है जहा कोई मुख्य चिकित्साधिकारी नहीं है जिनका पद रिक्त है जिनमे शामली, बहराइच ,फतेहपुर ,बदायूं एवं सिद्धार्थनगर जिले शामिल है |
- 02 मुख्य चिकित्साधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके जिनमे जनपद शामली और जनपद बहराइच शामिल है |
- 02 मुख्य चिकित्साधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में शासन द्वारा अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित है जिनमे जनपद जौनपुर की मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ लक्ष्मी सिंह के साथ ही जनपद फिरोजाबाद के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रामबदन राम शामिल है|
- 02 मुख्य चिकित्साधिकारी ऐसे है जिनका दो माह पूर्व ही अपर निदेशक के पद पर पदोन्नति हो चुके है जिनमे लखनऊ के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ मनोज अग्रवाल के साथ ही जनपद कानपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अलोक रंजन शामिल है इनके साथ पदोन्नति पाए सभी डॉ दिनांक 07 मार्च 2024 को लेवल 5 को अपर निदेशक / प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक के पद पर तैनाती हो गई है |
- जनपद फतेहपुर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अशोक कुमार को शासन द्वारा स्थनान्तरण कर दिया गया |
- 02 मुख्य चिकित्साधिकारी जिनमे जनपद रायबरेली के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीरेन्द्र सिंह एवं जनपद मेरठ के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अखिलेश मोहन चुनाव आयोग के निर्देश के हिसाब से इन दोनों लोगों का कार्यकाल 03 वर्ष पूरा हो चुका है जिनको हटाया जाना है लेकिन अभी तक हटाया नहीं गया है |
- शासन द्वारा 02 मुख्य चिकित्साधिकारी जिनमे जनपद बदायूं के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ प्रदीप वार्ष्णेय को 15 दिसंबर 2023 को एवं जनपद सिद्धार्थनगर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ नरेन्द्र कुमार बाजपेयी को 19 जनवरी 2024 को भ्रष्टाचार के आरोप में निलबिंत कर दिया गया है |
मुख्य चिकित्साधिकारी सहित जो अन्य पद रिक्त है जिनपर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा विगत तीन माह में रिक्त पदों पर स्थान्तरण के लिये कई पत्र भेजा जा चुका है | कई पत्रों पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा पत्रावली भी मांगी गई लेकिन कोई सक्षम / विभागीय अधिकारी इस पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दे रहे है | उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के इतिहास में ऐसा पहले कभी नही हुआ जिसमे मुख्यमंत्री कार्यालय के सभी पत्र एवं उप मुख्यमंत्री द्वारा संस्तुत सभी पत्र बिना विभागीय प्रस्ताव के दिनांक 07/03/2024 को मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया गया हो | जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा कड़ी आपत्ति जाहिर की गई है जिसपर मुख्यमंत्री कार्यालय ने कई निर्देश दिए की विभाग के अमिमत के साथ प्रस्ताव माँगा गया | लेकिन एक सप्ताह गुजर जाने के बाद भी विभागीय प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय को नहीं भेजा गया |
इससे साफ जाहिर होता है कि उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आचार संहिता लगने का इन्तजार कर रहे है जिससे विभाग स्थानान्तरण सत्र में अपने मनमाने ढंग से बिना मुख्यमंत्री के अनुमति के रिक्त पदों पर अपने मनचाहे लोगों को तैनाती दे सके |
Special Report – Rajnish Chhabi