लखनऊ (जनमत):- नाइट ड्यूटी सीलिंग के विरोध में लखनऊ समेत पूरे देश के स्टेशन मास्टरों ने हंगर स्ट्राइक शुरू कर दी है। भूख हड़ताल के तहत स्टेशन मास्टर काम तो करेंगे लेकिन खाना नहीं खाएंगे। रेलवे के तानाशाही फैसले के विरोध में ही लखनऊ में भी बिना खाये – पीएं स्टेशन मास्टर भूख हड़ताल करने पर मजबूर हो गए।
पहले रोस्टर के तहत नाइट ड्यूटी करने वाले स्टेशन मास्टर को नाइट ड्यूटी एलाउंस मिलता था। 29 सितम्बर 2020 को रेलवे बोर्ड ने नाइट ड्यूटी एलाउंस सीलिंग लिमिट बेसिक पे के आधार पर करने का फरमान जारी कर दिया। रेलवे बोर्ड द्वारा इस सम्बन्ध में जारी किये गए पत्र के बाद से ही लामबद्ध हुए पूरे देश के स्टेशन मास्टरों ने फैसले का विरोध करना शुरू कर दिया। रेलवे की तानाशाही फैसले के खिलाफ स्टेशन मास्टरों ने रणनीति के तहत क्रमवार प्रदर्शन करना शुरू किया। हंगर स्ट्राइक से पहले स्टेशन मास्टरों ने लाइट बंद कर मोमबत्ती की रौशनी में कामकर विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद पूरे देश में काला सप्ताह भी मनाया गया था।
इस तरह के प्रदर्शन के बाद भी जब रेलवे बोर्ड ने फैसले को वापस नहीं लिया था ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के आवाहन पर देश के तक़रीबन 39000 हजार स्टेशन मास्टरों ने भूख हड़ताल कर नाइट ड्यूटी सीलिंग फिक्स का विरोध किया। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की बात की जाये तो यहाँ भी स्टेशन मास्टरों ने ड्यूटी पर रहकर काम तो किया लेकिन बिना कुछ खाये – पियें। लखनऊ में स्टेशन मास्टर कौशलेन्द्र ने रात्रि भत्ते में पुरानी व्यावस्था बहाल करने की मांग की है।
Posted By:- Amitabh Chaubey (Janmat News)