लखनऊ/उत्तर प्रदेश ( जनमत न्यूज़ ):- पिछले कई सालों से अपने ही विभाग से एसीपी समेत कई अन्य अधिकार की मांग कर रहे आवास विकास परिषद के अवर – अभियंता डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश एवं विकास परिषद के बैनर तले एक बार फिर धरने पर बैठ चुके है। धरने पर बैठे परिषद के कर्मियों का कहना है कि आदेश के बावजूद भी उसका अनुपालन न करना सरकार की छवि को धूमिल करने की एक साज़िश है। आंदोलनकारी कर्मियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनको उनका अधिकार नहीं मिला तो वह आमरण अनशन करने पर मजबूर हो जायेंगे।
आंदोलनकारी कर्मियों का कहना है कि आवास विकास परिषद में मार्च 2018 से सप्तम वेतनमान लागू हो गया है। उस समय से ही 2003 और 2007 बैच के इंजीनियर्स समेत तमाम परिषद के अन्य कर्मियों को एसीपी की सुविधा दी जानी है। सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए आवास आयुक्त की चौखट पर फरियाद लगाई गई लेकिन यहाँ से इनकी अर्जी को शासन में भेज दिया जाता है और फिर शासन से ब्यूरो में भेज दिया जाता है। प्रदर्शनकारी कर्मियों की माने तो इस तरह ब्यूरो और आवास के बीच फाइल को लटका कर काफी समय से इनका उत्पीड़न किया जा रहा है। धरने पर बैठे कर्मियों का कहना है कि विभाग से अपना अधिकार मांगने के लिए अब दूसरा तरीका अपनाने पर विचार किया जा रहा है। डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश एवं विकास परिषद के अध्यक्ष के एन मिश्रा ने बताया कि उद्यम ब्यूरो और शासन में बैठे महज कुछ लोगों की वजह से उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। ऐसा इसलिए है कि सरल और सहनशील स्वभाव होने के कारण वह अपने मुखिया यानि आवास आयुक्त और प्रमुख सचिव पर बहुत भरोसा करते है लेकिन अभी तक सिर्फ उनको छला ही गया है। अध्यक्ष के एन मिश्रा ने पूर्व की तरह जूनियर् इंजीनियर्स की भर्ती कराने और रिक्त पदों को भरने के साथ ही अपने साथ हो रहे उत्पीड़न को बंद करने की मांग की है।
जूनियर इंजीनयर रिज़वान ने बताया कि उनके साथ न्याय न कर शासन – प्रशासन में बैठे अधिकारी न्याय प्रिय सरकार की छवि को धूमिल कर रहे है। अपना दर्द का इज़हार करते हुए रिज़वान ने बताया कि शासनादेश के मुताबिक एसीपी का लाभ दिया जाये लेकिन इसे लागू न कर शासन के आदेशों की अवहेलना की जा रही है।
अम्बुज मिश्रा, संवाददाता जनमत न्यूज़ ( लखनऊ )