अयोध्या(जनमत):- जब धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर ही दानव बन जाए तो इंसानियत का खून तो होता ही है साथ ही डाक्टर के पेशे पर भी सवाल उठना लाज़मी है। दरसअल कुछ ऐसा ही मामला अयोध्या कोतवाली में आज मीडिया के सामने आया। अपनी पत्नी की जान बचाने धरती के भगवान के पास गया व्यक्ति जहा एक तरफ अपनी पत्नी को खो दिया वंही डाक्टरों ने पैसे की ऐसी नोच खसोट मचाई कि मजबूरी में बेबस पति अब पुलिस से न्याय की गोहर लगा रहा है।
बतादें कि अयोध्या के अमानीगंज आवास विकास कालोनी निवासी 34 वर्षीय दीपक कुमार ने अयोध्या कोतवाली में हैवान बन चुके चिकित्सक के खिलाफ तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। दीपक कुमार की अगर माने तो उसकी पत्नी निशा पाठक गर्भवती थी और 3 अक्टूबर को उसे लेबर पैनहुआ, जिसके बाद दीपक ने उसे डाक्टर वंदना सिंह को दिखाया जहा पर संसाधनों की कमी का हवाला देकर उसे अयोध्या कोतवाली के दर्शननगर स्थित संजाफी हॉस्पिटल भेज दिया गया। यंहा पर डॉक्टर मुकेश ने इंफेक्शन का हवाला देकर ढाई लाख की उगाही की।
अंत में जब निशा की हालत चिंताजनक हो गई तो उसे आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर वेंटिलेटर पे रखा गया।और 50 हज़ार देकर मरीज़ को ले जाने को कहा गया। दीपक के पास कैश ना होने के कारण 9 घंटे मरीज को बंधक बना कर रखा। फिर पीड़ित दीपक ने डॉक्टर के दबाव के कारण अपना ब्लैंक चैक, ए टी एम कार्ड अपने साले की बाइक गिरवी रखते हुए मरीज़ को लेकर लखनऊ गए जंहा डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।ज्ञात हो कि दीपक को डॉ द्वारा कोई भी बिल नहीं दिया गया।
2 महीने से दीपक तहरीर ले कर हैरान परेशान न्याय के लिए दौड़ रहा और प्रशासन मूक दर्शक बन उल्टा दीपक पर मामले में समझौता करने का दबाव बनाता रहा। दीपक ने थक हार कर अधिवक्ता श्वेता राज सिंह से मामले में मदद मांगी तो पीड़ित के साथ श्वेता राज अयोध्या कोतवाली में अधीक्षक देवेन्द्र पांडे को फिर से तहरीर दिया जिसमें अधीक्षक ने मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया|
Posted By:- Amitabh Chaubey
Reported By:- Azam Khan