लखनऊ (जनमत):- ठगी के लिए भी बाकायदा ट्रेनिंग और पढ़ाई की जरुरत होती है सुनने में यह अजीब भले ही लगे लेकिन यह पूरी तरह से सच है। दरअसल लखनऊ पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने एक शातिर ठग को दिल्ली से गिरफ्तार किया है जिसका कनेक्शन झारखण्ड के जामताड़ा जिले से है। यही वह जिला है जहा ठगों की कक्षा चलती है और इसके बदले ठग संचालक फीस के तौर पर प्रत्येक से मोटी रकम भी वसूली की जाती थी । कक्षा के दौरान ठगी में माहिर हो जाने पर यही ठग कही और ठगी की पाठशाला चलाते है और वहा पर भी फीस के तौर पर इसी तरह की रकम वसूल की जाती है।
इस तरह से ठगो की एक चेन है जो विभिन्न राज्यों के लोगों से ठगी करती है। पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार ठग द्वारा 50 लाख रूपये की ठगी की जा चुकी है। हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि ठग द्वारा एक करोड़ रूपये से भी अधिक की ठगी की गई। लखनऊ पुलिस के अधिकारी के मुताबिक थाना सरोजनीनगर निवासी एक व्यक्ति के खाते से तकरीबन 50 हजार की ठगी की गई थी। इस मामले में पीड़ित की तहरीर पर एक मुकदमा भी दर्ज हुआ था। मुकदमा दर्ज कर साइबर क्राइम सेल की पुलिस ने मामले की जाँच शुरू की तो कड़ी से कड़ी जोड़ने के बाद पुलिस टीम ने ठग प्रधुम्न मण्डल को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक आरोपी मंडल का एक पूरा गिरोह है जो जामताड़ा से संचालित होता है। गिरोह के सदस्य देश के विभिन्न राज्यों के लोगों को फोन कर झांसे से उनके खाते की डिटेल हासिल कर लेते और बाद में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से रूपये को विभिन्न ई वॉलेट में ट्रांसफर करने के बाद इन्ही रूपये से ऑनलाइन महंगी खरीदारी की जाती थी। सामान की डिलीवरी हो जाने के बाद इसी महंगे सामान को बाद में कम दामों पर नगद में बेच दिया जाता था। इस तरह से गिरोह को नगदी हासिल हो जाती। ठगी के इस धंधे में एक चेन की तरह काम होता था और सबका एक कमीशन भी तय था। बताया जा रहा है कि यह पहली बार सम्भव हुआ है जब जामताड़ा के गिरोह का शातिर पुलिस के हत्थे चढ़ा है।