लखनऊ(जनमत):- अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर देश और दुनिया में नारी शक्ति को सलाम किया जाता है। दुनिया के हर क्षेत्र में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए उनकी हर क्षेत्र में स्थापित उपलब्धियों को याद किया जाता है| आज महिलाएं घर-परिवार और बाहर की सभी जिम्मेदारी को पूर्णता से निभा रही हैं। अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर “इसी का नाम जिन्दगी” संस्था ने महिला दिवस और होली के मौके पर होटल फेस्टिवल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया|
कार्यक्रम के दौरान संस्था की सदस्यों ने एक दुसरे को महिला दिवस और होली के मौके पर अबीर, गुलाल लगाकर सुभकामनाऐं दी और साथ हि साथ महिलाओ कि वर्तमान स्थिति के बारे मै भी चर्चा की| कार्यक्रम में मुख्या अतिथि के रूप में बॉलीवुड सिंगर अनुपमा राग ने भी शिरकत कि| कार्यक्रम के दौरान महिलाओ को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया और भविष्य में महिलाओ के उत्थान के लिए कार्ययोजना बनाई गई ताकि महिलाओ की स्थिति में सकरात्मक सुधार हो सके और विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओ को कैसे आगे किया जाये इस पर भी विशेष चर्चा हुई|
जैसा कि संस्था का नाम हि है “इसी का नाम जिन्दगी” इसी फार्मेट को आगे बढाने के लिए संस्था कि सदस्यों ने अपने अपने विचार भी व्यक्त किये ताकि महिलाओ का उत्थान हो सके| इस कार्यक्रम को आयोगन कविता शुक्ल ने करवाया| वही संस्था की सदस्य माधवी कुमार को गुलाबो का टाइटल मिला| जब एक आदमी औरत से प्यार करता हैं उसे अपनी जिंदगी का एक हिस्सा देता हैं लेकिन एक औरत जब प्यार करती हैं तब अपना सब कुछ दे देती हैं किसी भी सभ्यता का आंकलन औरतो के व्यवहार से किया जा सकता हैं|
आदमी अपनी नियति को सम्भाल नहीं सकते हैं उनके लिए यह कार्य उनके जीवन से जुड़ी औरत करती हैं किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की औरतों की उन्नति से मापी जा सकती हैं कोई भी राष्ट्र उन्नति के शिखर पर नहीं पहुँच सकता जब तक कि उस राष्ट्र में महिलाओं को समान अधिकार ना प्राप्त हो महिलायें कमाल होती हैं वह अपने चेहरे पर मुस्कान का मुखोटा पहने यह दिखाती हैं कि सब कुछ ठीक हैं पर वास्तविक्ता में उसके कन्धो पर दुनियाँ का बोझ हैं और उसका जीवन उसकी उँगलियों से पटाखों की तरह फिसल रहा हैं|
भारतीय संस्कृति में नारी के सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है। संस्कृत में एक श्लोक है- “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः। अर्थात्, जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं। किंतु वर्तमान में जो हालात दिखाई देते हैं, उसमें नारी का हर जगह अपमान होता चला जा रहा है। उसे ‘भोग की वस्तु‘ समझकर आदमी ‘अपने तरीके‘ से ‘इस्तेमाल‘ कर रहा है। यह बेहद चिंताजनक बात है।
“मुस्कुराकर, दर्द भूलकर
रिश्तों में बंद थी दुनिया सारी
हर पग को रोशन करने वाली
वो शक्ति है एक नारी” ||
Posted By:- Amitabh Chaubey