लखनऊ (जनमत):- लखनऊ में कोतवाली मोहनलालगंज के गौरा इलाके में प्रधान पति और व्यापारी नेता सुजीत पाण्डेय के हत्यारे लखनऊ से भागने की फिराक में थे। पुलिस को जैसे ही इस बात की भनक लगी उसने मुखबिर द्वारा बताई गई जगह की घेराबंदी कर दी। इस बीच बदमाशों को भी पुलिस से घिरने की भनक लग चुकी थी जिसके कारण भागने की फिराक में बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। बचाव में पुलिस ने भी बदमाशों पर फायरिंग कर दी और हमेशा की तरह दोनों बदमाशों के पैर में गोली लगी। गोली लगने के बाद बदमाश घायल हो गए जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
बदमाशों के कब्जे से पुलिस को दो असलहे और हत्याकाण्ड में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल भी बरामद हुई है। पुलिस के मुताबिक जेल में बंद अपराधी भाइयों ने सुपारी देकर शूटरों से सुजीत की हत्या करवाई थी। 20 दिसम्बर की शाम को मोहनलालगंज के गौरा इलाके में रेकी करने के बाद बदमशों ने प्रधान पति और मोहनलालगंज व्यापार मण्डल के अध्यक्ष स्कॉर्पियों सवार सुजीत पाण्डेय को घेर कर फिल्मी अंदाज में गोलियों से भून डाला था। इस हत्या काण्ड को लेकर स्थानीय पुलिस की खूब किरकिरी हुई जिसके बाद मोहनलालगंज कोतवाल गऊ दीन शुक्ला को निलंबित कर दिया गया था। व्यापारी नेता की शव यात्रा में पहुचें कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक और सांसद कौशल किशोर को भी लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा था।
हालांकि मंत्री ब्रजेश पाठक ने नाराज़ लोगों को भरोसा दिया था कि बदमाश जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में होंगे। सुजीत हत्याकाण्ड को लेकर लखनऊ पुलिस पर भी काफी दबाव था जिसके चलते पुलिस आरोपियों की धर – पकड़ के लिए दिन – रात जुटी हुई थी। पुलिस ने संभावित दो आरोपियों के स्कैच भी जारी किये थे। बताया जा रहा है कि स्कैच जारी होने के बाद शूटर लखनऊ से भागने की फिराक में थे। इसी बीच पुलिस को भनक लगी और थाना आशियाना के बिजनौर रोड पर बदमाशों की घेराबंदी कर मुठभेड़ के बाद दो बदमाश अरुण और मुलायम यादव को गिरफ्तार कर लिया। एडीसीपी पूर्वी एस एम क़ासिम ने बताया कि एसीपी कैन्ट की क्राइम ब्रांच को बदमाशों के भागने की भनक लगी थी। मौके पर पहुंची पुलिस टीम पर बदमाशों ने फायरिंग की।
जवाबी फायरिंग में बदमाशों के पैर में गोली लगी थी। पुलिस अधिकारी का दावा है कि बदमाशों का हुलिया जारी स्कैच से मेल खाता है और खुद दोनों बदमाशों ने भी हत्या की बात कुबूल की है। गिरफ्तार दोनों बदमाशों को 10 लाख रूपये की सुपारी दी गई थी। इलाके में वर्चस्व और चेयरमैनी हासिल करने के लिए जेल में बंद मधुकर यादव ने अपने भाइयों के साथ मिलकर सुजीत पाण्डेय की हत्या योजना बनाई थी। योजना के तहत गिरफ्तार हुए बदमाश अरुण यादव और मुलायम यादव को 10 लाख रूपये की सुपारी दी गई थी।
Posted By:- Amitabh Chaubey