कानपुर (जनमत):- सीएम और शासन की तमाम सख्ती के बावजूद उत्तर प्रदेश की कानपुर पुलिस सुधरने का नाम नही ले रही । यहां खाकी ने विभाग को एक बार फिर से शर्मसार कर दिया है। यहां पुलिस पर भीख मांग कर गुजारा करने वाली दिव्यांग विधवा महिला से घूस लेने का संगीन आरोप लगा है। पीड़ित महिला ने एसएसपी कार्यालय पहुंच कर रो-रो कर गुहार लगायी है । दरअसल महिला से उसकी लापता बेटी को ढूंढेने के लिए दरोगा ने गाड़ी में डीजल भरवाने के लिए घूस ली।
हालांकि एसएसपी ने मानवता दिखाते हुए अपनी स्कॉर्ट की गाड़ी से दिव्यांग पीड़ित महिला को थाने भेज कर खाकी की कुछ इज्जत बचाने का काम किया। कटी टांग, फटी धोती और कानपुर एसएसपी की गाड़ी के आगे रोती हुई लाचार मजबूर महिला यह नजारा है कानपुर पुलिस की बेशर्मी का । दरअसल गुड़िया नाम की दिव्यांग महिला पुलिस कप्तान को अपनी व्यथा बताने आई है। पीड़िता की 15 साल की नाबालिक बेटी को एक महीने पहले ठाकुर नाम का व्यक्ति उठा ले गया था। मामले में पीड़िता की तहरीर के बाद चकेरी पुलिस ने एफआईआर तो लिखी लेकिन जांच करने वाली पुलिस उससे हर बार बेटी खोजने के नाम पर दो से ढाई हजार रूपये का डीजल जबरन भरवाती रही। हैरानी तो यह है कि पुलिस ने उसकी बेटी फिर भी बरामद नही की उल्टा पीड़िता को ही चौकी से भगा भी दिया।
मजबूर होकर महिला जब एसएसपी के यहां पहुची तो भी उसने बड़ी मासूमियत से यही कहा कि साहब झूठ नही बोलूंगी, पुलिस को पैसा नही दिया। केवल तीन चार बार इधर – उधर से भीख मांगकर उनकी गाड़ी में डीजल भरवाया। महिला का आरोप है कि उसकी 15 साल की बेटी को उसका एक रिश्तेदार ठाकुर अपने कई साथियों के साथ रास्ते से उठा ले गया था। महिला का कहना है ठाकुर शादीशुदा है फिर भी मेरी बेटी को उठा ले गया। उसके बारे में उनके घर वालों को पता है। पुलिस कायदे से जांच पड़ताल और पूछताछ करती तो बेटी बरामद हो जाती।
पीड़िता जब अपनी शिकायत लेकर एसएसपी प्रतिन्दर सिंह के यहां पहुची तो एसएससी ने मानवता दिखाई। उन्होंने पुलिस को तुरंत महिला की बेटी को ढूंढने का आदेश दिया और खुद अपनी स्कॉर्ट की गाड़ी से गुड़िया को 6 किलोमीटर दूर चकेरी थाने भिजवाया। अधिकारियों को कहना है कि महिला की बेटी को बरामद करने के आदेश दिए गए है। इसके अलावा पुलिस पर जो आरोप है उसकी भी जांच करके कार्रवाई की जाएगी। यह कहानी सिर्फ एक महिला की नहीं है। यह कानून का राज करने वाली खाकी की बेगैरत हकीकत है जो अमूमन थाना स्तर पर अक्सर पीड़ितों के साथ अंजाम दी जाती है।
बस अफसोस इस बात का होता है कि इस मामले में पुलिस ने कमजोर गरीब महिला की स्थिति का भी ख्याल नही रखा और भीख मांग कर गुजारा करने वाली महिला से रिश्वत लेकर खाकी को शर्मसार कर दिया।