लखनऊ (जनमत):- उत्तर प्रदेश की राजनीती में आगामी चुनाव के चलते हर दिन बदलाव नजर आ रहें हैं एक तरफ जहाँ कई नेता सियासी बयार में अपनी नैया तलाश रहें हैं वहीँ सियासी दल भी इस दौरान अपनी चुनावी नैया को पार लगाने के लिए जद्दोजहद करते दिख रहें हैं इसी कड़ी मे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि अगर चुनाव आयोग वर्चुअल रैली कराने की बात कहेगा तो हम मांग करेंगे कि आयोग डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने में हमारी मदद करे।
अखिलेश ने चुनाव आयोग द्वारा वर्चुअल रैली करवाने संबंधी आदेश की संभावना पर ये बात कही।आगे उन्होंने कहा कि भाजपा के आईटी हेड जो कि मेरी फोटो लगाकर चारो तरफ़ भ्रम फैला रहे हैं उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। भाजपा के आईटी हेड पैसे लेकर प्रेपोगेंडा फैला रहा है उसने मेरी एक फ्रांस की फ़ोटो लगाई है। जिसमें मुझे एक इत्र कारोबारी के साथ दिखाया गया है। ये सब झूठ है और वो भ्रम फैला रहा है।
आगे अखिलेश ने कहा कि जब 2022 में हमारी सरकार बनेगी तो हम फिर से युवाओं को लैपटॉप बांटेंगे। शिक्षक भर्ती को लेकर प्रदर्शन कर रहे युवाओं से अखिलेश ने कहा कि वो अपने घर वापस लौट जाएं, बूथ पर काम करें और भाजपा को हराएं। सपा की सरकार आएगी तो न्याय जरुर होगा। मैनपुरी सैनिक स्कूल का नाम बदलने पर अखिलेश ने कहा कि योगी आदित्यनाथ नाम बदलने वाले मुख्यमंत्री हैं। 2022 के चुनाव में जनता उन्हें बदल देगी।
शहीद जनरल बिपिन रावत का हम सभी लोग मन से सम्मान करते हैं। उनके नाम पर कुछ नया करना चाहिए था पर ये लोग सिर्फ नाम ही बदल रहे हैं।भाजपा द्वारा भगवन परशुराम की प्रतिमा का अनावरण करने पर अखिलेश ने कहा कि भगवान परशुराम सभी के हैं। वो किसी एक दल के नहीं हैं। वही अखिलेश ने शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने को कहा कि सपा सरकार में ऐसी योजनाएं चलाएंगे जिससे कि गरीब बच्चे भी अच्छी शिक्षा के लिए विदेश जा सकें।