लखनऊ (जनमत):- कानपुर निवासी ऑटो पार्टस के कारोबारी ही चोरी की लक्जरी गाड़ियों के मुख्य सौदागर थे। गिरोह से चोरी की गाड़ियों को इन्ही कारोबारियों के द्वारा खरीदा जाता था और बाद में अपनी सुविधानुसार ग्राहकों को ऊँचे दामों में इन्ही गाड़ियों को बेच दिया जाता । लखनऊ की चिनहट पुलिस ने यह खुलासा कानपुर निवासी आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद किया है।
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस टीम को चोरी की 62 लक्जरी गाड़ी भी बरामद हुई है। इससे पहले 21 जून इसी गिरोह के कब्जे से कोतवाली चिनहट की पुलिस टीम ने 50 लक्जरी गाड़ियां बरामद की थी। इस तरह से पुलिस को अब तक कुल 112 लक्जरी गाड़ियां बरामद हो चुकी है। माना जा रहा है कि चोरी की गाड़ियां बरामद करने में यह देश का पहला सबसे बड़ा वर्कऑउट है। इससे पहले मुंबई पुलिस के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज था जिसमे मुंबई पुलिस ने चोरी की 104 गाड़ियां बरामद की थी।
पुलिस के मुताबिक कमता तिराहे पर कानपुर निवासी सतपाल सिंह और मनोज को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। पूछताछ में दोनों के द्वारा बताया गया कि उसके 5 साथी थाना पीजीआई के कल्ली पश्चिम में फॉर्चूनर गाड़ी की डील करने आये है। सूचना के आधार पर पुलिस ने बताई गई जगह पर दबिश दी तो 5 आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। बाद में इन्ही की निशानदेही पर पुलिस ने छिपाई गई 62 अन्य लक्जरी गाड़ी भी बरामद कर ली। आरोपियों की पहचान कानपुर निवासी ऐनुलहक, विकास जायसवाल, इसरार, जियाउलहक़ और विनोद शर्मा के रूप में हुई है।