गोरखपुर (जनमत):- कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन जारी हैं वहीँ इस बार इसका तीसरा चरण 3.0 लागू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन 3.0 में कई प्रकार की छूट भी दी हैं जिनमें शराब भी एक है। वैश्विक महामारी में लॉकडाउन के चलते अभी तक ये सारी दुकानें बंद थी। देशभर में शराब की दुकानें खोले जाने की छूट के बाद लोगों में काफी उत्साह नजर आ रहा है। दुकानें खुली तो वह मंज़र एक बार फिर सबके सामने था जब 2016 में नोटबंदी के समय बैंक खुलने से पहले ही लोग कई किलोमीटर तक लाइन लगा लेते थे।
लोग सुबह से ही शराब की दुकानों के बाहर इकट्ठा होना शुरू गए हैं और इन दुकानों के बाहर लम्बी लम्बी कतरे देखनो को मिल रही है| वही गोरखपुर में भी शराब की सभी दुकाने खुल गई है। जैसे ही शराब के शौकीनों को पता चला कि शराब की दुकानें खुल गई, वह अपने नजदीकी अंग्रेजी शराब की दुकानों पर पहुंचना शुरू किये और देखते ही देखते शराब खरीदने वालों की एक लंबी कतार लग गई। हालांकि शराब खरीदार सोशल डिस्टेंसिंग का माखौल उड़ाते हुए शराब की जमकर खरीदारी किए। हालाँकि इस दौरान ज़मीन पर मार्किंग भी की गई है।
जिस तरह की भीड़ मधुशालाओं के बाहर लगी है उस तरह की भीड़ तो लॉक डाउन के वक्त सब्जी, अनाज, मेडिकल और अन्य जरुरी सामानों को लेते वक्त नज़र नहीं आई । ठेकों के बाहर लगी कई किलोमीटर की लाइन से यह भी साफ हो गया कि कितने दिनों तक लोगों को इस वक्त का बेसब्री से इंतजार था। शायद सरकार भी इनकी मंशा को भाप चुकी थी और यही वजह भी है कि राजस्व को बढ़ाने के बहाने पियक्क्ड़ो की मुराद पूरी कर दी। ऐसे वक्त में बच्चन साब की ये लाइने बिलकुल सटीक बैठती है।
बजी न मंदिर में घड़ियाली, चढ़ी न प्रतिमा पर माला,
बैठा अपने भवन मुअज्ज़िन देकर मस्जिद में ताला,
लुटे ख़जाने नरपितयों के गिरीं गढ़ों की दीवारें,
रहें मुबारक पीनेवाले, खुली रहे यह मधुशाला’
Posted By:- Amitabh Chaubey/Ajay Sharma