लखनऊ (जनमत):- कानपुर में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर फरार हुए उत्तर प्रदेश के मोस्ट वांटेड कुख्यात 5 लाख रूपये के इनामी बदमाश विकास दूबे को मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। जिस नाटकीय ढंग से विकास दूबे की गिरफ़्तारी हुई है उससे माना जा रहा है कि गिरफ़्तारी पूरी तरह से प्रायोजित थी। कानपुर में थाना चौबेपुर के बिकरू काण्ड का फरार आरोपी विकास दूबे अब मध्यप्रदेश पुलिस की हिरासत में है।
यह वही विकास दूबे है जिसने थाना चौबेपुर के पूर्व थाना प्रभारी विनय तिवारी की मुखबिरी पर दबिश देने गई पुलिस की टीम को घेरकर उसपर फायरिंग कर दी थी। बिकरू गांव में विकास दूबे के घर से कुछ फलांग की दूरी पर हुई सनसनीखेज घटना में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्रा समेत 8 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। वारदात को अंजाम देने के बाद विकास दूबे समेत सभी आरोपी पुलिस के हथियार लूट कर फरार हो गए थे। बाद में इस घटना से कानून व्यावस्था के मुद्दे पर चौतरफा घिरी योगी सरकार एक्शन में आई और देखते ही देखते अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी।
साथी पुलिस कर्मियों की शहादत का बदला लेने के लिए घटना के कुछ घंटे बाद ही विकास दूबे के एक करीबी रिश्तेदार समेत दो लोगों को पुलिस ने मार गिराया। पुलिस की इस कार्रवाई का नाम दिया गया इंकॉउंटर। इसके बाद नंबर आया विकास दूबे के घर का जिसमे 24 घंटे के अंदर विकास के किले नुमा घर को पुलिस बल ने जमीदोज कर दिया। हालांकि 24 घंटे में ऐसा कौन सा कानून बन गया जिसमे फरार आरोपी विकास का घर गिराया गया यह फिलहाल समझ से परे है। इस कार्रवाई के बाद भी मुख्य आरोपी विकास पुलिस की पकड़ से दूर ही था। इसकी गिरफ़्तारी के लिए पहले 50 हजार रूपये का ईनाम घोषित किया गया।
बाद में एक लाख, फिर ढाई लाख और उसके बाद विकास की गिरफ़्तारी के लिए पांच लाख रूपये का ईनाम घोषित किया गया। ईनाम की राशि बढ़ाये जाने के बाद भी आरोपी विकास दूबे पुलिस की पकड़ से दूर ही रहा है। यह जरूर था कि पुलिस को फरीदाबाद में उसके होने की खबर लगी लेकिन जब तक पुलिस वहा पहुँचती इससे पहले ही विकास वहा से फरार हो चुका था। इसी बीच विकास के एक और करीबी अमर दूबे को भी यूपी के हमीरपुर में मार गिराया गया।
बाद में इसको भी इंकॉउंटर का नाम दिया गया। हालांकि जिस तरह से अमर दूबे की लाश मिली थी उससे साफ़ था की पहले उसकी बेरहमी से पिटाई की गई और बाद में इंकॉउंटर की बात कही गई।विकास दूबे के दो और करीबी पुलिस की गोली का शिकार हो गए। दोनों बदमाशों की मौत का नाम भी इंकॉउंटर दिया गया। जिस तरह से मोस्ट वांटेड बदमाश के साथियो को पुलिस ने मार गिराया उसमे यह कहने में जरा भी गुरेज नहीं कि पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से बदला लेने वाले की तरह रही।
विकास के कुल पांच साथियो की मौत के बाद फिर अचानक मोस्ट वांटेड बदमाश विकास दूबे मध्यप्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। बताया जा रहा है कि आरोपी यहाँ महाकाल के दर्शन के लिए आया था तभी किसी ने उसे पहचान लिया फिर बाद में पुलिस ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। जिस तरह से विकास की गिरफ़्तारी हुई है उससे माना जा रहा है कि यह पूरी तरह से सुनियोजित थी। फ़िलहाल मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कुख्यात बदमाश एमपी पुलिस की हिरासत में है।
कैसे आरोपी की गिरफ़्तारी हुई है इसके बारे में इनका कहना था कि अभी कहना कुछ ठीक नहीं है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार और मध्यप्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार। ऐसे में मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दूबे का उज्जैन से नाटकीय ढंग से गिरफ्तार होना अपने आप में ही बड़े सवाल पैदा करता है। फिलहाल विकास दूबे को एमपी से उत्तर प्रदेश लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
Posted By:- Amitabh Chaubey