लखनऊ (जनमत):- कोरोना महामारी ने जहाँ एक तरफ लोगो के दैनिक जीवन पर असर डाला वहीं दूसरी तरफ समाज के कमजोर वर्ग के ऊपर तो मनो पहाड़ टूट पड़ा हो. इसी के साथ ही इस महामारी ने कमजोर वर्ग को आर्थिक रूप से पंगु बना दिया और अधिकतर लोगो के आगे तो दो जून कि रोटी भी मिलना मनो मुश्किल हो गया, वहीँ इस दौरान कई संगठनों ने कमजोर और मजदूर वर्ग के लिए संजीवनी का काम किया और इस मुसीबत कि घड़ी में राशन और अन्य ज़रूरी सामग्री देकर समाज के इस वर्ग को भी कुछ हद तक ही सही पर राहत पहुचाने का काम ज़रूर किया. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मातृभूमि फाउंडेशन की टीम के सदस्यों ने जान जोख़िम में डालकर दिन रात कोरोना पीड़ित मरीजों और कोरोना लॉक डाउन प्रभावित लोगों की लगातार मदद कर रहे हैं।
मातृभूमि फाउंडेशन के अध्यक्ष और लखनऊ के चर्चित युवा समाजसेवी मधुर भट्ट ने बातचीत में बताया कि मातृभूमि फाउंडेशन 2017 से उत्तर प्रदेश में स्वास्थ, शिक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर काम कर रहा है और लगभग 300 लोग संस्था से जुड़े है, परंतु पिछले साल कोरोना संकट के आने पर फाउंडेशन ने अपना पूरा फोकस इस त्रशादी से निकलने में लोगों की मदद करने पर कर लिया, श्री मधुर भट्ट ने बताया कि मौजूदा हालात में उनकी टीम मातृभूमि फाउंडेशन मुख्य रूप से कोरोना मरीजों को उचित सलाह, अस्पताल में बेड, दवाएँ, इंजेक्शन और ऑक्सीजन मुहैया करवाना तथा कोरोना कर्फ्यू से प्रभावित आर्थिक तंगी झेल रहे गरीबों को आपसी सहयोग व लोगों की मदद से मुफ़्त राशन (आटा, चावल, डाल और तेल) उपलब्ध करवा रही है।
मातृभूमि फाउंडेशन के माध्यम से अभी तक लगभग 1200 से ज़्यादा लोगों की मदद कर चुके हैं और अनवरत रूप से जनसेवा में तत्पर है।इस मुहिम में टीम मातृभूमि फाउंडेशन के वरिष्ठ सदस्य विजय मौर्या जी के नेतृत्व में आशुतोष, चंदन, रंजीत, दीपक, सुधीर व अन्य सैकडों सदस्य जनसेवा में दिन रात कार्य कर रहे हैं।
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