अलीगढ़ (जनमत):- उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में नगर निगम पर रोजी-रोटी छीनने और बेरोजगार करने का आरोप लगाते हुए 90 व्यापारियों ने सामूहिक आत्मदाह की चेतावनी दी है, और इस संबंध में जिलाधिकारी को रजिस्ट्री कर मृत्यु पूर्व बयान भी भेजा गया है। नगर निगम द्वारा 80 साल पुरानी 90 दुकानों को तोड़े जाने के इस मुद्दे को लेकर व्यापारी नगर निगम के खिलाफ बिगुल फूंक ते हुए डीएम को एक ज्ञापन देने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे ओर व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह को एक ज्ञापन सौंपा गया।
डीएम को ज्ञापन देने के बाद व्यापारियों का कहना है कि उनकी दुकानें करीब 80 साल पुरानी है और अब नगर निगम बारहद्वारी पर बनी 90 दुकानों को जबरन तोड़कर कमर्शियल कंपलेक्स बनाना चाहता है। जिसके चलते व्यापारी दुकान टूटने के बाद भुखमरी की कगार पर पहुंच जाएंगे। इस दौरान व्यापारियों का कहना है कि इन्हीं दुकानों से हमारे पूर्वजों ने परिवार का भरण-पोषण किया हैं और नगर निगम को किराया धनराशि भी देते चले आ रहे हैं। जबकि 17 जुलाई को नगर निगम के हट धर्मी अधिकारियों ने बारहद्वारी स्थित 80 साल पुरानी करीब 90 दुकानों को जबरन खाली कराने का फरमान सुनाते हुए व्यापारियों को आदेश दे दिया गया।
जबकि अलीगढ़ का स्मार्ट सिटी में शुमार होने के बाद बाराहद्वारी पर नगर निगम के अधिकारी कमर्शियल कंपलेक्स बनाने जा रहा है। नगर निगम के अधिकारियों द्वारा बाराद्वारी पर कमर्शियल कांपलेक्स बनाने में दुकानदारों को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन सभी दुकानदार नगर निगम के अधिकारियों से निवेदन कर रहे हैं कि कंपलेक्स तैयार होने तक उनकी दुकानों की यथास्थिति बनी रहने दें। जिससे कि सभी व्यापारी अपने-अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। इसीलिए ज्ञापन के माध्यम से दुकानदारों ने अलीगढ़ के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह से मांग की है कि कांपलेक्स तैयार होने पर हम सभी दुकानदारों से उचित धनराशि लेकर दुकानों का आवंटन कर दिया जाएं।
जबकि इस मामले को लेकर अखिल भारतीय संघर्ष समिति भी बनी है और इसके अध्यक्ष महावीर शर्मा का कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों द्वारा दुकानों में अगर जबरन तोड़फोड़ की गई तो दुकानदार आत्महत्या करने को मजबूर होंगे। अगर दुकानदारों द्वारा आत्महत्या की गई तो उसकी सारी जिम्मेदारी नगर आयुक्त गौरांग राठी की होगी। जिसके चलते हम सभी दुकानदार मानसिक रूप से काफी परेशान है।इसके साथ ही अखिल भारतीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष महावीर शर्मा ने कहा कि इन परिस्थितियों को देखते हुए डीएम से मांग की है कि नगर आयुक्त को आदेशित करें की इन सभी दुकानों की यथास्थिति बनी रहे।
व्यापारी महावीर शर्मा का कहना है कि बाराहद्वारी स्थित दुकानें नगर निगम की जमीन पर बना है और इसका किराया व्यापारियों द्वारा दिया जाता है।जबकि नगर निगम ने 15 दिन में दुकानें खाली करने का सभी व्यापारियों को अल्टीमेटम दिया है। नगर निगम द्वारा चेतावनी दी गई है ओर 15 दिन में सभी दुकानदारों को अपनी-अपनी दुकानें खाली नहीं करने पर दुकान तोड़ने की धमकी भी नगर निगम अधिकारियों ने दी है। नगर निगम के अधिकारियों द्वारा दुकान तोड़ने की दी गई धमकी की इस बात से व्यापारी खफा है।
ऐसे में व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम के इस वाकये से 90 परिवार काफी व्यथित है। जबकि महावीर शर्मा ने नगर निगम से मांग की है कि अगर व्यापारियों की दुकानें तोड़ रहे हैं तो कहीं दूसरी जगह इन सभी व्यापारियों को शिफ्ट करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री लोगों को रोजगार देने की बात करते हैं।जबकि नगर निगम यहां लोगों को बेरोजगार करने पर तुला हुआ है।