गोरखपुर (जनमत) :- विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने गोरखनाथ मंदिर पहुंचे. यहां पर उन्होंने बाबा गोरखनाथ का दर्शन किया. इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ श्रीराम जन्मभूमि निधि समर्पण को लेकर बैठक की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली में हुए उपद्रव करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रीय अपराध करने वाले देशभक्त नहीं हो सकते हैं. कानून संगत जो भी कार्रवाई हो, होनी चाहिए.विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय उपाध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दिल्ली में कल जो कुछ भी हुआ, ये राष्ट्रीय अपराध है.
किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर भारत के किसानों को बदनाम करने का प्रयास है. ये प्रशासन का काम है पता लगाना कि वे कौन लोग थे. ये राष्ट्रीय अपराध देशभक्त नहीं कर सकते. पंजाब की धरती देशभक्तों की धरती है.चंपत राय ने कहा कि पंजाब के केसधारी गुरुनानक देव, तेग बहादुर, अर्जुनदेव, गुरु गोविन्द सिंह की परम्परा के लोग हैं. गुरु गोविन्द सिंह के चारों बच्चे और पत्नी बलिदान हो गए. सर्वस्व बलिदानियों की परम्परा के लोग गलत काम नहीं करते हैं. लेकिन, किसी ने उनकी बुद्धि को भ्रमित किया है. ये प्रशासन का काम है कि वे कौन लोग हैं, उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई करें. ऐसे लोगों के खिलाफ जो कानून कहता है, वो कार्रवाई करें.
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की नींव की खुदाई में आ रही बाधाओं पर हुए सवाल में उन्होंने कहा कि हमने इस अभियान की योजनाएं मार्च से प्रारम्भ की. देशभर के कार्यकर्ताओं के साथ अनेक चक्रों में चर्चाएं हुई हैं. कई महीने पहले तय किया कि मकरसंक्रांति ही उचित समय है. कोरोना एक बड़ा संकट रहा है. इसलिए जब सोचा गया तो जनवरी का सोचा गया. उन्होंने कहा कि नींव की खुदाई का काम शुरू हो गया है. बाधाएं कभी नहीं आई. लेकिन इंजीनियर और वैज्ञानिक प्रयोग और परीक्षण करते हैं. जो भी डेटा रहे हैं वो उनके अनुकूल नहीं आए.
अब आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी चेन्नई, आईआईटी बाम्बे, एनआईटी रुड़की, सीबीआरआई रुड़की, एनजीआरआई हैदराबाद, एल एण्ड टी, टाटा सब एकमत हो गए. 400 फीट लंबा, 250 फीट चौड़ा और 12 मीटर गहराई में मलबा भरा हुआ है. जैसे-जैसे खुदाई का काम चलता रहेगा, मलबा निकलता रहेगा. इसे साफ करने के साथ नींव की रचना का काम प्रारम्भ हो गया है. 3 साल यानी 36 से 39 महीने में काम पूरा कर लिया जाएगा.
इसके पूर्व उन्होंने कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भगवान के भक्त सारे भारतवर्ष से स्वेच्छा से खुले मन से समर्पण कर रहे हैं. हमने समाज का आह्वान किया था कि मकर संक्रांति से 27 फरवरी तक 42 दिन की अवधि में भगवान के कार्य के लिए अपनी श्रद्धाओं का समर्पण करे. देश बहुत उदारतापूर्वक इस अनुरोध में भागीदारी कर रहा है. ग्राम, शहर और वार्ड, मोहल्लों से देश की जनता इसमें योगदान कर रही है. एक अनुमान ये भी आ रहा है कि देश की आधी आबादी इसमें अपनी भागीदारी सम्मिलित करेगी. इसी के निमित्त गोरखपुर में आने का अवसर मिला.
चंपत राय ने कहा कि महंत अवेद्यनाथ इस आंदोलन के मुखिया रहे हैं. उनके पहले महंत दिग्विजयनाथ भी 1949 में इस आंदोलन से जुड़े रहे. महंत अवेद्यनाथ के कार्यकाल में 1984 से लेकर उनके जीवन के अंतिम काल तक ये आंदोलन चरम पर पहुंचा. उनके प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करने का अवसर आज मिला. उन्होंने कहा कि गोरखपुर आया हूं, तो इच्छा हुई कि मुख्यमंत्री को सूचित कर दें. वो भी आ गए. उनके साथ स्थानीय समाज भी आ गया. मैंने राम जन्मभूमि का इतिहास सबके सामने रखा है. देश में क्या हो रहा है. ये भी बताया. उसकी का परिणाम है कि समाज मंदिर निर्माण में संसाधन उपलब्ध करा रहा है.