गाजीपुर(जनमत):- नोवेल कोरोना वायरस कमाई का भी एक जरिया बन चुका है। इसके नाम पर सरकार ने तो भरपाई के लिए तमाम तरह के टैक्स वसूलने के साथ ही कर्मचारियों के भत्तों में भी कटौती कर दी है। इससे आगे अब हैरान करने देने वाला एक मामला सामने आया है जिसमे कोरोना की जाँच के लिए प्रवासी कामगारों से रूपये वसूले जा रहे है। यहाँ बात हो रही है उत्तर प्रदेश के जनपद गाजीपुर की।
लॉकडाउन में मिली राहत के बाद प्रवासी कामगारों का अपने – अपने घरो पर लौटना जारी है। ऐसे में तमाम प्रवासी मजदूरों की गाजीपुर में भी वापसी हुई है। यहाँ पर पहुंचे कामगारों की कोरोना जांच के लिए जिला अस्पताल के कर्मियों द्वारा 2 रूपये से लेकर 10 रूपये प्रति व्यक्ति से वसूले जा रहे है। सभी जानते है कि कोरोना की जाँच 2 या दस रूपये में नहीं होती है। इसका मतलब साफ है कि असहाय और बेबस लोगों से जो रुपए वसूले जा रहे है उससे अस्पताल कर्मी अपनी जेबें गर्म कर रहे है। एक मजदूर ने जिला अस्पताल के कर्मियों द्वारा रूपये लेने की बात की तस्दीक भी की है।
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्साधिकारी को जब इस बात से अवगत कराया गया तो वह भी हैरान हो गए। हालांकि बाद में संबंधित से जानकारी लेने के बाद उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से कोरोना की जाँच पूरी तरह से निःशुल्क है। अस्पताल कर्मियों द्वारा मजदूरों से जो रूपये लिए गए है वह पर्चा काटने के नाम पर लिए गए है। हालांकि मुख्य चिकित्साधिकारी ने यह भी बताया कि इसके बावजूद भी अगर जाँच में कोई दोषी पाया जायेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
उत्तर प्रदेश में कोरोना को परास्त करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिन – रात एक किये हुए है। ऐसे में साफ है कि कोरोना को हारने के लिए मुख्यमंत्री योगी की मंशा पूरी तरह से साफ है। बावजूद नौकरीशाही और सरकार में तमाम ऐसे अधिकारी है जो अपनी हरकतों से मुख्यमंत्री योगी की साख पर बट्टा लगा रहे है।
Posted By:-Amitesh Kumar