लखनऊ (जनमत):- लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने जनहित में एक और बड़ा फैसला लिया है। आवंटियों को भविष्य में किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए उन्होंने सम्पत्तियों की रजिस्ट्री/लीज डीड पर हस्ताक्षर के लिए सक्षम स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की है।
इसके तहत अब प्राधिकरण की सम्पत्तियों के विक्रय विलेख/लीज डीड पर सम्बंधित योजना के विशेष कार्याधिकारी/नजूल अधिकारी के द्वारा ही हस्ताक्षर किया जाएगा। इससे न सिर्फ रजिस्ट्री की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी होगी बल्कि विक्रय विलेखों के निस्तारण में होने वाली त्रुटियों का निराकरण किया जा सकेगा।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार ने इस सम्बंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक लखनऊ विकास प्राधिकरण की सम्पत्तियों के विक्रय विलेखों (रजिस्ट्री दस्तावेजों) पर निचले स्तर के अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते रहे हैं। क्योंकि सम्पत्तियों के विक्रय विलेख अत्यंत महत्वपूर्ण दस्तावेज होते हैं। इसलिए इन विक्रय विलेखों के निस्तारण में होने वाली त्रुटियों के निराकरण एवं पारदर्शी प्रक्रिया के दृष्टिगत यह आवश्यक था कि इसे सक्षम स्तर के अधिकारियों के अनुमोदन/ हस्ताक्षर से ही निष्पादित कराया जाए।
लिहाजा इसके सम्बंध में शासनादेश एक जुलाई 2004 जारी किया गया है। जिसमें यह प्रावधान है कि उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद तथा समस्त विकास प्राधिकरणों की सम्पत्तियों के विक्रय विलेखों पर संयुक्त सचिव अथवा समकक्ष/उच्च स्तर के अधिकारी द्वारा ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। जिन विकास प्राधिकरणों में संयुक्त सचिव तैनात नहीं है। वहां पर प्रांतीय सिविल सेवा के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) अथवा उनके समकक्ष वेतनमान के अधिकारियों द्वारा विक्रय विलेखों पर हस्ताक्षर किया जाएगा।
अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि इस शासनादेश के क्रम में अब प्राधिकरण द्वारा निष्पादित की जाने वाले रजिस्ट्री डीड पर सम्बंधित योजना के विशेष कार्याधिकारी द्वारा ही हस्ताक्षर किया जाएगा। वहीं ट्रांसपोर्ट नगर योजना एवं किराये की सम्पत्तियों की रजिस्ट्री डीड पर विशेष कार्याधिकारी धर्मेन्द्र कुमार सिंह द्वारा हस्ताक्षर किया जाएगा।