गोरखपुर(जनमत):- रेलवे के सिग्नल सिस्टम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अभी तक चल रहे एबसेल्यूट सिग्नल सिस्टम को अब ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम से बदलने की कवायद शुरू हो गई है। वही देश के 5 रेलवे जोन उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, पूर्व रेलवे, साउथ सेंट्रल रेलवे, सेंट्रल रेलवे में गोरखपुर सिग्नल कारखाना में बने उपकरण से ट्रेनों को सिग्नल मिलेगा।
जिसके लिए 6 करोड़ रुपये का बजट भी पास हो चूका है| आप को बता दे कि ट्रेनों को सिग्नल देने के लिए पटरियों के किनारे तार बिछाए जाते हैं। इन तारों को प्वाइंट्स मशीन और रिले से जोड़ा जाता है। हर साल लगभग सिग्नल कारखाना में 3 हजार प्वाइंट्स मशीन बनते हैं। वही अब इन कि संख्या बढ़ा कर 5 हजार मशीन कर दी है। इसके अलावा 30 हजार रिले हर साल तैयार किए जाते हैं, जिस कि संख्या को अब बढ़कर 50 हजार हर साल कर दिया गया है।
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह बताया कि रेलवे में संरक्षा को सुदृढ़ करने के अनेक कार्य किए जा रहे हैं। सिग्नल कारखाना में रिले और प्वाइंट्स मशीन ज्यादा संख्या में बनाए जा रहे है। जरूरत के हिसाब से और जोन में भी उपलब्ध कराया जाएगा।
Posted By:- Amitabh Chaubey