लखनऊ (जनमत):- उत्तर प्रदेश पुलिस के अधिकारियों की मनमानी और लापरवाही विभागीय अराजपत्रित कर्मचारी पर भारी पड़ रही है। जिस का एक उदाहरण राजधानी लखनऊ में देखने को मिल रहा है। जहां करीब डेढ से दो वर्ष से कुछ ऐसे पुलिसकर्मियों है जिन का गैर जिलों में स्थानांतरित हुआ है| स्थानांतरित होने के बाद भी इन पुलिसकर्मीयों को पुलिस के आला अधिकारी उसकी रवानगी लखनऊ से नहीं कर रहे।
पुलिसकर्मियों ने राजधानी से गैर जिलों में जाने के लिए विभाग में गुजारिश की थी, और उनकी गुजारिश पर उनका डेढ से दो वर्ष पहले लखनऊ से गैर जिलों में स्थानांतरित कर दिया गया था। स्थानांतरित के बाद से वह अपनी रवानगी को लेकर आला अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं पर उनकी सुनने वाला विभाग में कोई भी अधिकारी नहीं है। फिलहाल पुलिस के मुखिया ने स्थानांतरित के बाद उनकी रवानगी को लेकर अधिकारियों को कई बार पत्र लिख चुके है| पुलिस मुखिया के पत्र का अधिकारियों पर कोई असर होता नहीं दिख रहा बाद भी सिपाहियों की रवानगी गैर जिलों में नहीं हुई। आप को बता दे तत्कालीन एसएसपी कलानिधि नैथानी के बाद राजधानी में लागू हुई पुलिस आयुक्त प्रणाली भी उनके काम नहीं आई और पुलिस आयुक्त प्रणाली के 6 महीने बीत जाने के बाद भी उनका स्थानांतरित नहीं हुआ।
जिस से परेशान कुछ पुलिसकर्मी पुलिस की नौकरी छोड़कर अन्य विभागों में नौकरी करने चले गए। वही कुछ इधर उधर अपनी रवानगी को लेकर बाट जोह रहे हैं। वही कुछ पुलिसकर्मी अपने स्थानांतरित को ले कर कोट कि भी सरन ले रहे है|
मुखिया ने एक बार फिर से 2 जून 2020, 3 जून 2020, 9 जून 2020, 16 जून 2020, 23 जून 2020 व 30 जून 2020 को आला अधिकारियों को पत्र लिखकर करीब 881 पुलिसकर्मी और 883 अराजपत्रित पुलिसकर्मियों को 13 जुलाई तक कार्यमुक्त करने का निर्देश दिया था । निर्देश का पालन ना होते देख पुलिस मुखिया ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 13 जुलाई तक सभी पुलिसकर्मियों को कार्यमुक्त कराकर प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाए। आलम तो ये है की पुलिस मुखिया की नाराजगी के बाद भी किसी भी अधिकारी ने
किसी भी अराजपत्रित पुलिसर्मियों को कार्यमुक्त नहीं किया । जिसकी वजह से पुलिसकर्मी परेशान घूम रहे हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इससे पहले भी पुलिस मुखिया ने लगातार पत्र लिखते रहे हैं पर उनके निर्देश पर संबधित अधिकारियों ने कोई भी ध्यान नहीं दिया। इससे साफ हो रहा है कि लगातार पुलिस मुखिया के आदेशो की संबधित अधिकारी अवहेलना करते नजर आ रहे हैं।