फतेहपुर/जनमत। यूपी के फतेहपुर जिले में ईद उल अजहा की नमाज सकुशल संपन्न हुई। वहीं बकरीद के अवसर पर फतेहपुर जिले में लगभग 1 कुंतल 40 किलो के बकरे की होगी कुर्बानी। वही अपनी औलाद की तरह कुर्बानी के बकरे को पालने वाले मोहसिन खान ने बताया कि अल्लाह की रजा के लिए उन्हें यह कुर्बानी देनी होगी। लगभग साढ़े तीन साल से अपनी औलाद की तरह उन्होंने बकरे को पाल पोश कर कुर्बानी के लिए तैयार किया। जिसके कारण उसका नाम कुर्बान खान रखा गया। मोहसिन खान ने बताया कि आसपास के क्षेत्र में इतना वजन व हाइट में बड़ा बकरा कहीं नहीं है।
इसको कुर्बान करने के बाद इसका गोश्त गरीबों में बांटा जाएगा। प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा को निभाया जा रहा है। बकरे की कुर्बानी को लेकर भी विशेष महत्व है। रईस ने बताया यह कुर्बानी हजरत इब्राहिम अली इस्लाम व उनके बेटे हजरत इस्मईली अली इस्लाम पर आधारित है। अल्लाह के रजा के लिए है। हजरत इस्माइल अली इस्लाम को अल्लाह ने 90 साल के बाद औलाद अदा किया था।
अल्लाह ने उनसे कहा कोई अपनी प्यारी चीज हमे कुर्बान कर दो तब 90 साल के बाद पैदा हुए बेटे को कुर्बान करने के लिए ले गए और जब उनके गर्दन में छुरी रखी तब अल्लाह का करामात यह हुआ कि बेटे की जगह जन्नत से दुम्बा आ गया उन्हीं की याद में हम लोग यह साढ़े तीन साल से पालकर जानवर अल्लाह के लिए कुर्बान करेंगे। इसमें खास बात यह है इसको औलाद की तरह हमने पाला है बकरे का नाम कुर्बान खान है।
REPORTED BY – BHIM SHANKAR
PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR