शाहजहांपुर जेल में सभी संप्रदाय के लोगों ने रखा नवरात्रि का व्रत

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शाहजहांपुर/जनमत 11 अक्टूबर 2024। जेल में नवरात्र व्रत पूर्ण श्रद्धा व भक्ति के साथ शान्ति पूर्ण तरीके से सम्पन्न हुए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही कि कारागार में सभी जाति एवं संप्रदाय के लोग पूर्ण सद्भाव के साथ नवरात्रि का त्यौहार मना रहे हैं। हिंदू संप्रदाय के पुरुष एवं महिला बंदी पूर्ण भक्ति भाव के साथ नवरात्रि व्रत रखे हुए हैं, और इसके साथ ही अन्य संप्रदाय के लोग उनका पूर्ण सहयोग कर रहे हैं। केवल यही नहीं 29 पुरुष जो कि मुस्लिम समुदाय के हैं वह भी नवरात्रि का व्रत रखे हुए हैं।

नवरात्रि का व्रत के बारे में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कहना है कि दुनिया में हर इंसान का एक ही भगवान है। हम अपने विश्वास और चालान के अनुसार उनके अलग-अलग रूप मानकर उनकी पूजा करते हैं। हम इसी सर्व धर्म समभाव एवं एक ही शक्ति की मान्यता के आधार पर नवरात्रि का व्रत रखे हुए हैं। उक्त 29 मुस्लिम बंदियों में मोहम्मद रजी, दानिश, लड्डन, जाहिर, मोहम्मद दाऊद, कामिल बसीम, वकील ,शाहिद साद अली, जीशान, मुख्तार इरशाद, तैयब, शान मोहम्मद, मुस्ताक, रुखसार, लड्डन, सहरोज, जबर शेर, अबरार, सद्दाम, रुखसार, कबीर, इरशाद अली, वारिस, सज्जाद मोहम्मद सलीम, इमरान है।

जेल में 200 से अधिक बन्दी नवरात्रि व्रत रखे हुए हैं। कुल 17 महिला बंदी भी नवरात्रि का व्रत रखे हुए हैं जिनमें से 10 महिलाओं ने पूरे नवरात्रि व्रत रखा हुआ है। संपूर्ण जेल में हर तरफ आरती पूजा भजन कीर्तन की आवाज आती रही है। संपूर्ण कारागार का वातावरण पूरी तरह से भक्तिमय हो गया है।


कारागार प्रशासन की तरफ से भी सभी बंदियों को भरपूर सहयोग प्रदान किया जा रहा है। और उनके व्रत के लिए उन्हें व्रत में अनुमन्य खाने की चीज उपलब्ध कराई जा रही है। जिसमें प्रत्येक बंदी को 750 ग्राम उबला हुआ आलू,आधा किलो दूध एवं 50 ग्राम चीनी उपलब्ध कराई जा रही है।

इसके साथ ही आरती एवं भजन हेतु पुस्तके उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही भजन और कीर्तन के लिए वाद्य यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही साथ पूजा एवं आरती के लिए देवी मां की एवं अन्य भगवान एवं देवी देवताओं की तस्वीर है उपलब्ध कराई गई हैं। ताकि किसी बंदी को अपने विश्वास के अनुसार पूजा एवं व्रत में किसी प्रकार की परेशानी ना हो, जो बंदी व्रत नहीं रखे हुए हैं वह चाहे हिंदू हो या अन्य संप्रदाय के लोग हो। व्रतधारी बंदियों के पूजा एवं आरती आदि के समय पूरा सहयोग करते हैं और अपना स्थान छोड़कर के व्रतधारी बंदियों के लिए स्थान उपलब्ध करा देते हैं।

REPORTED BY – RAJIV SHUKLA

PUBLISHED BY – MANOJ KUMAR