बुलंदशहर/उत्तर प्रदेश (जनमत):- तमाम दावों के बाद भी उत्तर प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतें थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले दिनों हुई ऐसी घटनाओं के बाद सीएम योगी के निर्देश के बाद अधिकारियों को जहरीली और अवैध शराब की बिक्री पर रोक लगाने के साथ ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया गया था। संबंधित अधिकारियों द्वारा अभियान चलाकर जाँच करने की बात भी कही गई इसके बावजूद अवैध शराब पर नकेल न लग सकी। नतीजे में जहरीली शराब से हुई मौतों की एक और घटना ने योगी सरकार पर कालिख पोत दी। इस बार घटना बुलंदशहर के कोतवाली सिकंदराबाद इलाके की है। यहाँ जीतगढ़ी में जहरीली शराब पीने से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोगों की हालत गंभीर बनी है। जहरीली शराब से हुई मौत की खबर को सीएम योगी ने फिर से संज्ञान लिया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
जहरीली शराब से हुई मौतों का मामला कोतवाली सिकंदराबाद के जीतगढ़ी इलाके का है। यहाँ कुलदीप नाम के एक व्यक्ति द्वारा कच्ची शराब निर्मित कर मिस्टर इंडिया नाम के बोतलों में भर कर बेचीं जा रही थी। हैरान करने वाली बात यह है कि मिस्टर इंडिया नाम के जिस ब्रांड में कच्ची शराब बेचीं जा रही थी वो किसी सरकारी शराब के ठेके से नहीं बल्कि घर से बेचीं जा रही थी। परसों भी स्थानीय लोगों ने कुलदीप से खरीदी हुई मिस्टर इंडिया ब्रांड की अवैध कच्ची शराब पी थी। बाद में इसी शराब को पीने वालों की हालत बिगड़ और देखते ही देखते 4 लोगों की मौत हो गई। गांव के अनिल नाम के एक युवक ने बताया कि उसके भाई कल्लुआ ने भी यही जहरीली शराब पी थी जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
अनिल ने बताया कि काफी समय से यहाँ जहरीली शराब बेचीं जा रही थी। विरोध करने पर आरोपी कुलदीप सबको धमकी देता था कि सब कुछ मैनेज है कोई कुछ नहीं कर पायेगा। यही वजह थी कि दबंग की धमकी के आगे स्थानीय लोग ठन्डे पड़ जाते। जहरीली शराब पीकर मरने वालों में लाली का पति भी है। लाली ने बताया कि उसके पति ने परसों शराब पी थी। शराब पीने के बाद तबियत बिगड़ी और फिर उसके पति की मौत हो गई। लाली के मुताबिक काफी समय से गांव में मिस्टर इंडिया नाम के ब्रांड में जहरीली शराब बेचीं जा रही थी। योगी सरकार में जहरीली शराब पीकर मरने वालों का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है।
ऐसी ही कोई घटना होती है तब मुख्यमंत्री योगी की ओर से कार्रवाई का निर्देश दिया जाता है लेकिन कुछ ही समय बाद मामला फिर ठन्डे बस्ते में चला जाता है। यही वजह भी है कि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न होने के कारण कच्ची जहरीली शराब का कारोबार फिर से फलने – फूलने लगता है। जीतगढ़ी मामले में तो सीधे तौर पर कोतवाली प्रभारी, चौकी प्रभारी और बीट के दो सिपाहियों की भूमिका संदिग्ध मिली। यही वजह है कि इन सभी को निलम्बित कर दिया गया था। मौके पर पहुचें एसएसपी बुलदशहर संतोष कुमार सिंह ने आरोपी पुलिस कर्मियों को निलम्बित करने की जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि मुख्य आरोपी कुलदीप तो फरार है लेकिन उसके परिवार के तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही। एसएसपी बुलंदशहर ने बताया कि मामले में आरोपियों के खिलाफ एनएसए की धाराओं में भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।