सिद्धार्थनगर(जनमत):- आज जब देश में रेप पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने पर हर तरफ बहस हो रही है, हर कोई जल्द इंसाफ की मांग कररहा है । सिद्धार्थ नगर में रेप की एक घटना के 5 दिन के भीतर आरोपी को सजा दिलाकर मिश्रौलिया थाने की पुलिस ने एक मिसाल कायम किया है। पुलिस की तत्परता और फ़ास्ट ट्रैक के त्वरित फैसले से पीड़ित परिवार काफी खुश है। और लोगों में ये फैसला चर्चा का विषय बना हुआ है। ये पूरा मामला सिद्धार्थनगर जिले के मिश्रौलिया थाना क्षेत्र के एक गांव का है। एक महिला ने अपने ही पति पर अपनी नाबालिग लड़की के साथ रेप का आरोप लगाते हुए 16अक्टूबर को थाने में तहरीर दी थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और 18 नवम्बर को चार्जसीट न्यायालय में दाखिल की।
चार्जसीट दाखिल होने के बाद 5दिनो में ही पुलिस ने न्यायालय में गवाहों को पेश किया जिसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट)राम चन्द्र यादव ने अपना फैसला सुना दिया।रेप की घटना को अंजाम देने वाले पिता को न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।रेप पीड़िता नाबालिग लड़की की माँ जल्द मिले न्याय से संतुष्ट है। उसका कहना है कि उसके पति ने उसकी बेटी के साथ रेप किया तब वो रिश्तेदारी में गयी थी जब घर वापस आयी तो बेटी ने रो रो कर उसे बताया कि उसके बाप ने उसका रेप किया है। ये सुन कर वो हतप्रभ रह गई और हिम्मत जुटाकर थाने गयी। शिकायत किया तो हमारी सुनवाई हुई सभी ने मिलकर हमारा साथ दिया।हमारे पति का चालान हुआ और जब न्यायालय गयी तो वहाँ भी पूरी मदद मिली।दो दिन में गवाही हुई और 4दिनों में सुनवाई पूरी हो गयी।
जिसके बाद मेरे पति को सजा मिल गयी। पीड़ित की मां ने कहा कि उसे उम्मीद नही थी कि उसे इतनी जल्दी न्याय मिलेगा । इतनी जल्दी न्याय मिलने से वो काफी खुश है। इस बारे में सरकारी वकील पवन कुमार कर पाठक ने कहा कि इस पूरे न्यायिक प्रक्रिया में थानाध्यक्ष अलोक श्रीवास्तव का कार्य सराहनीय है वो इस केश के विबेचक थे उन्होंने समय से विबेचना पूरी कर न्यायालय में चार्जसीट दाखिल कर दी जिससे पीड़िता को 5 दिनों में ही न्याय दिलाया जा सका।रेप केश में ये पहला मामला है जिसमे न्यायालय में केश शुरू होंने के 5 दिनों में ही गवाही पूरी की गयी और सजा का ऐलान भी हो गया। इस केश के बारे में हमने बात की जिले के पुलिस अधीक्षक विजय ढुल से उन्होंने बताया कि मिश्रौलिया थाने में एक पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ जिसपर पुलिस ने तत्परता से त्वरित विवेचना करके न्यायालय में चार्जसीट भेजी।
मा0न्यायालय ने उसका संज्ञान लेकर जितनी भी अभियोजन की कार्यवाही थी 5दिनों में पूरी करके जो अभियुक्त था उसको सजा सुना दी।इस बारे में मुझे इतना कहना है कि अगर पुलिस इसी तरह से अपनी विवेचना जल्दी पूरी करे मा0न्यायालय में उसकी प्रभावी पैरवी करे और तुरंत ही सभी लोगो की गवाही हो जाये उसे टाइम बाउंड सेशन में पेश करे तो इसका असर क्रिमिनल पर पड़ेगा और उसे जल्द सजा भी मिल जायेगीं। त्वरित न्याय तो हैदराबाद पुलिस ने भी किया था लेकिन उनकी कार्यशैली पर सराहना के साथ सवाल भी उठे थे। लेकिन सिद्धार्थनगर की पुलिस ने कानून की हद में रहकर इंसाफ दिलाने की जो पहल की है वो काबिले तारीफ़ है। अगर इसी तरह हर मामले में पुलिस तत्परता से कार्रवाई करे तो लोगो का विश्वास जरूर बढ़ेगा।