फर्रुखाबाद (जनमत):- प्रदेश और जिले के लोगों को जिले में प्रवेश से रोकने के लिए सभी सीमाएं सील कर दी गईं हैं। इससे कोई भी कोरोना पीड़ित जिले में आकर संक्रमण न फैला सके। असल में सीमाएं कागजों में पुख्ता तरीके से सील हैं, वहां फोर्स भी तैनात है। ऐसे में जिले में आने वाले वाहनों और उसमें बैठे लोगों से पूछताछ तक नहीं होती है। इससे ट्रकों की छत पर बैठकर लोग जिले में आ रहे हैं।
आसपास के जनपदों में कोरोना पीड़ित मरीज मिलने के बाद जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने जनपद की सभी सीमाओं पर खुद पहुंच कर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं। अति आवश्यक काम पर ही किसी बाहरी को जांच के बाद प्रवेश देने को कहा। ये सभी कवायद कागजों में पुख्ता तरीके से चल रही है। वास्तविकता में सीमा में प्रवेश करने के दौरान न तो पुलिस कर्मी रोकते हैं और न किसी की जांच होती है। ये स्थिति सोमवार की देर रात फर्रुखाबाद शहर कोतवाली पुलिस नें लाल दरवाजे पर एक महाराष्ट्र के नम्बर वाली डीसीएम को रोंका। पुलिस देखकर डीसीएम का चालक मौके से फरार हो गया|
जिसके बाद पुलिस ने पड़ताल की तो पता चला कि डीसीएम में कुल 54 महिला और पुरुष भरे थे| सभी मुंबई से नेपाल जा रहे थे|सूचना मिलने पर शहर कोतवाल वेद प्रकाश पाण्डेय फ़ोर्स के साथ मौके पर आ गये| उन्होंने पड़ताल के बाद डीसीएम कब्जे में लेकर सभी नेपालियों को खाना खिलाकर कोरेटाइन हाउस भेजा गया|