लखनऊ (जनमत):- लखनऊ पुलिस कमिश्नर द्वारा पीड़ितों की विवेचना और शिकायतें सुनने के किये एक नई पहल शुरू की गई है। जनसुनवाई आमने सामने नाम के इस अभियान के तहत अब लोगों की शिकायतें उच्च अधिकारियों की मौजूदगी में न सिर्फ सुनी जाएगी बल्कि बल्कि विवेचना अधिकारी द्वारा ऐसे लोगों की शिकायतों का निस्तारण भी किया जायेगा।
अभियान के तहत पहल चक्र में तकरीबन 50 ऐसे फरियादियो को शामिल किया गया था जिनके मामलों की विवेचना काफी समय से चल तो रही लेकिन निस्तारित नहीं हो रही थी। इस बीच पहले ही दिन दो लापरवाह विवेचना अधिकारी के शव नगर और मदेयगंज चौकी इंचार्ज को पुलिस आयुक्त द्वारा लाइन हाजिर भी किया गया है। पहले किसी मामले की एफआईआर दर्ज कराने की जद्दोजहद फिर विवेचना के नाम पर वादी और आरोपी से धन – उगाही करना अभी तक यह लखनऊ पुलिस का शगल था।
लेकिन जब से लखनऊ में कमिश्नरी लागू हुई है तब से पुलिस सुधार और फरियादियो को राहत देने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नर की ओर से तमाम प्रयास किये जा रहे है। इनमे जनसुनवाई आमने – सामने भी एक पहल जुड़ गई है। इस अभियान का उद्देश्य और नियति साफ थी कि वादी को राहत मिल सके। अभियान में ऐसे 50 लोगों को चुना गया और बुलाया गया जिनके मामले काफी समय से विवेचना के नाम पर अटके हुए थे। जॉइन्ट पुलिस कमिश्नर नवीन अरोड़ा ने बताया कि इस अभियान के तहत पुलिस अधिकारियों के सामने ही विवेचनाधिकारी वादी की समस्याओं को सुनेगा और उसको निस्तारित भी करेगा।
वादी लोगों को जब लखनऊ के पुलिस लाइन में आयोजित जनसुनवाई आमने – सामने में बुलाया गया तो ऐसे लोगों ने अपना दुखड़ा पुलिस अधिकारियों के सामने सुनाया तो वह भी दंग रह गए। इनकी आप बीती सुनने के बाद अभियान के पहले चक्र में लापरवाह दो विवेचनाधिकारी चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर पुलिस कमिश्नर द्वारा यह भी सन्देश दिया गया कि अब लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं। विवेचना के नाम पर लापरवाही हुई तो विवेचनाधिकारी भी दण्डित किये जायेंगे।
पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने बताया कि एक महीने में तकरीबन 2 सौ ऐसे मामलों को निस्तारित करने का प्रयास किया जायेगा। जिनकी शिकायतों का समाधान जनसुनवाई आमने – सामने के पहले चक्र में नहीं हुआ है उनको दोबारा भी बुलाया जायेगा ताकि ऐसे लोगों की समस्या को निस्तारित किया जा सके।
Posted By:- Amitabh Chaubey