वाराणसी (जनमत) :- एक तरफ उत्तर भारत प्रदूषण की चपेट में है लोगो का सांस लेना दूभर हो गया है और इससे बचने के उपाएँ निकाले जा रहें हैं वहीँ दूसरी तरफ इसके लिए सरकारें आड-इवन जैसी योजनायें लागू कर रही हैं, वहीँ इससे सिर्फ़ दिल्ली की बुरी हालत नहीं है, उत्तरप्रदेश और बिहार के शहर की हवाएं भी बेहद ख़तरनाक स्तर तक पहुंच चुकी हैं. इस परिस्थिति को ठीक करने के लिए राज्य सरकार कोई क्रांतिकारी कदम नहीं उठा रही. वहीँ दूसरी तरफ जो लोग कुछ नहीं कर पा रहें वो भगवान् से प्रदुषण को दूर किये जाने की दुआ कर रहें हैं. वहीँ जब भगवान् ही प्रदुषण से त्रस्त हैं तो आगे क्या किया जाए. वाराणसी के कई मंदिरों में पुजारियों ने भगवान की मूर्तियों को पॉल्यूशन मास्क पहना दिया है. भगवान भी प्रदूषण के सामने कमज़ोर होते नज़र आ रहें हैं.
आपको बता दे कि वाराणसी के सिगरा की मशहूर शिव-पार्वती मंदिर में भगवान शिव, देवी दुर्गा, देवी काली और साईं बाबा की मूर्तियों को मास्क पहनाया गया है. हरियाणा और पंजाब के किसानों ने एक दिन के हिसाब से साल में सबसे ज्यादा आग जलाई, वहीँ अधिकारियों के मुताबिक कई जगह आग लगाई गईं और अकेले रविवार को यह आंकड़ां 2,900 का था. हवा के बहाव की वजह से ये धुआं देश की राजधानी से होते हुए वाराणसी तक पहुंच रहा है. साथ ही साथ भगवान को मास्क पहना देख श्रद्धालु भी मास्क पहनना शुरू कर रहे हैं, इससे जागरुकता भी बढ़ रही है. इसके ऊपर मंदिर के पूजारी के तर्क है कि सर्दियों में भगवान की मूर्तियों को कंबल ओढ़ाया जाता है, मास्क पहनाने में कुछ अटपटा नहीं है.
Posted By :- Ankush Pal