फ़तेहपुर (जनमत):- उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर जिले के खेसहन गांव में किसान शिवपूजन सिंह ने 9 किस्म के विदेशी फूलों के बीजों का उत्पादन 10 बीघे खेत में शुरू किया है जिनमें नार्सोसियम, इस्कोल्ज़िया, इक्रोक्लीनियम, लाइया प्लैटिगोसा, कैलेन्डुला, पैपावर, क्लीओम, रसोडा और जिप्सोफिला हैं। किसान शिवपूजन ने फ्लॉवर सीड्स प्रोडक्शन की खेती बीएन विश्वविद्यालय उदयपुर के कुलपति प्रोफेसर नरेश बहादुर सिंह के माध्यम से तकनीकी जानकारी लेकर शुरू की है जिन्होंने सीमान्त किसानो को तकनीकी ज्ञान देकर आर्थिक रूप से सशक्त करने का बीड़ा उठाया है |
फूलों की खेती और उनके बीज उत्पादन से किसान 80 हजार से लेकर 2 लाख रूपए तक प्रति एकड़ कमा सकता है जबकि इसमें प्रति एकड़ लगभग 15 से 20 हजार रुपये लागत आती है।साथ ही 90 से 115 दिन की इस खेती के लिये पाॅली हाऊस की जरूरत नहीं है और यह खुले आसमान के नीचे हो रही है।अमेरिकन और यूरोपीय देशों में पसंद किए जाने वाले ये फूलों के बीज उत्पादित कर किसानों की आय में कई गुना वृद्धि होंगी। किसान शिवपूजन बीज उत्पादन करके पंजाब की कंपनी को कांट्रैक्ट फार्मिंग के तहत बीज बिक्री करेंगे।
केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इम्फाल में सेवा दे चुके प्रोफेसर नरेश बहादुर सिंह बताते है कि अपने प्रदेश व् जिले के किसानो की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए परंपरागत खेती से हटकर फूलों के बीज उत्पादन की कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के जरिये शुरू किया है | उनका दावा है इस तरह के विदेशी फूलों के बीज उत्पादन करने वाला फ़तेहपुर यूपी का पहला जिला होंगा जो यंहा के किसानों की पांच गुना तक आय बढ़ाएगा। मुख्य रूप से सात सात पंजाब, हरियाणा, साउथ इंडिया के अलावा लगभग 110 देशों में सीड प्रोडक्शन ओर्गनइजेशन द्वारा बीज उत्पादन कर बेच रहे है |
वंही जानकारी प्राप्त करने पहुंचे क्षेत्रीय किसानो ने बताया कि परम्परागत धान, गेंहू की खेती से उतनी आमदनी नहीं कर सकते है जितनी इस तरह की फूलों की खेती से हो सकती है और निश्चित रूप से अपनी आर्थिक स्थिति भी सुधार सकेंगे |