गोरखपुर (जनमत):- रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (Railway Protection Force) ने रेलवे की ई-टिकट की अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए दलाली का अब तक सबसे बड़ा खुलासा करते हुए देश भर से कई लोगों को किया गिरफ्तार| आप को बतादे की महानिदेषक, रेलवे सुरक्षा बल श्री अरूण कुमार ने अवैध साफ्टवेयर (ए.एन.ए.एस.) द्वारा टिकट बनाये जाने का खुलासा करते हुए नई दिल्ली में बताया कि यह एक संगठित गिरोह है तथा इसके सदस्य कन्फर्म रेलवे ई-टिकट बनाने में लिप्त है। इनके द्वारा अवैध साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। इस अपराध से प्राप्त धन को क्रिप्टो-करेन्सी में परिवर्तित कर हवाला के माध्यम से रूपये का लेन-देन किया जाता है।
इस गिरोह का मास्टर माइन्ड हामिद असरफ डवलपर है तथा गिरोह में एडमिन/लीड सेलर/पैनल सेलर एवं एजेन्ट है। लीड सेलर गुलाम मुस्तफा को बंगलोर में गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के दौरान मनी लाण्ड्रिग के विभिन्न आयामों, टेडर फाइनेलिग एवं क्रिप्टो करेन्सी आदि का खुलासा हुआ। ए.एन.एम.एस. की कार्यप्रणाली की जानकारी भी हुई। पूरे देष में छापेमारी जारी है। बंग्लोर पुलिस ने भी एक अन्य केस दर्ज किया है। कार्यवाही की मानिटरिंग दिल्ली, मुख्यालय द्वारा की जा रही है। अभी तक 59 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां कोलकाता, बंगलोर, लखनऊ, मुम्बई, अहमदाबाद एवं सिलांग में हुई है। ए.एन.एम.एस. के लीड सेलर जैन पोद्दार की गिरफ्तारी कोलकाता में हुई तथा उसके पास से डिजिटल डिवाइस बरामद कर उनका विषलेषण किया गया।
बंगला देश की सीमा से सटे नादिया, पष्चिमी बंगाल के निवासी पोद्दार का सम्पर्क पशु स्मगलरों, हवाला आपरेटरों, एफ.आई.सी.एन. तथा जाली पासपोर्ट/आधार कार्ड बनाने वालो से है। उसे ट्रांजिट रिमान्ड पर बंगलोर भेजा गया है। पोद्दार ने बताया कि वह जमात-उल-मुजाहिद्दीन, बंगला देश के सम्पर्क में है तथा हम्र्स आई टिकट लिमिटेड के मोबाइल बैलेट स्मार्ट शाप से पैसा ट्रांसफर भेजता है। राजेश यादव के वाई-फाई सलुसन के राजेश यादव ने रू. 23 करोड़ का ट्रान्जेक्षन दिखाया गया है। राजेश यादव को मुम्बई में गिरफ्तार किया गया है जो शमषेर के लिये फण्ड की व्यवस्था करता है। शमषेर सिफा इन्टरप्राइजेज का मालिक है जबकि राजेश की कम्पनी का नाम वाई-फाई मनी ट्रान्सफर सलुषन है, दोनों हम्र्स आई टिकट लिमिटेड के माध्यम से पैसों का लेन-देन करते है।
द स्मार्ट शाप का प्रयोग साफ्टवेयर क्लाइन्टो से पैसा लेने के लिये तथा उसे नगद के रूप में शमषेर के एकाउन्ट में डालने के लिये होता है। राजेश ने अपने पोर्टल से वर्ष 2018 से अब तक रू. 23 करोड़ का ट्रान्जेक्षन किया। अवैध साफ्टवेयर बिजनेस का शुरूआत करने वाला शमषेर लखनऊ में गिरफ्तार हुआ। उसने मेड आई-बाल एवं रेड बुल को रोषन, की मदद से तैयार किया। उसने हामिद के साथ कार्य करना शुरू किया तथा अपने लिये एवं सिफा इन्टरप्राइजेज के लिये धन इकठ्ठा किया। स्वयं के खर्चें के लिये करोड़ों इकठ्ठा करने के अतिरिक्त उसके पास स्कूल, कई ट्रक, अर्थ मूविंग मषीन, अनेक फ्लैट एवं जमीन है। उसकी हामिद से दुष्मनी हो गई।
डवलपर सत्यवान उपाध्याय की गिरफ्तारी मुम्बई में हुई है जो एम.ए.सी. साफ्टवेयर चलाता है। पूरे देष में लगभग 235 सेलर है। अवैध साफ्टवेयर बनाने वाला सत्यवान उपाध्याय हामिद के साथ कार्य करता था। उसने अब नया साफ्टवेयर बना लिया है। छापेमारी में डिजिटल डिवाइस डेटा का विष्लेषण किया गया। सत्यवान उपाध्याय 2010 से रेलवे टिकट व्यवसाय में लिप्त है। 2014 में वह साफ्टवेयर सेलर बना तथा उत्तर प्रदेष के वाराणसी से कार्य करता था। हामिद के बाद वह ए.एन.एम.एस. का मुख्य एडमिन था। ए.एन.एम.एस. के समाप्त होने के समय लगभग 1200 सेलर आई-डी थे। इसकी गिरफ्तारी 2018 में भायखला, रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट पर हुई थी। उसने हामिद को 2 करोड़ रूपये ट्रान्सफर किये।
ए.एन.एम.एस. के बंद हो जाने पर उसने एम.ए.सी. साफ्टवेयर एक साल पहले प्राप्त कर अपने ग्राहकों को जनवरी, 2020 से एम.ए.सी. बेचना शुरू किया। उसके नीचे 235 साफ्टवेयर क्लाईन्ट है। अवैध साफ्टवेयर एम.ए.सी. द्वारा बनाये गये 4493 टिकट बरामद हुए। जिन्हें ब्लाक कर दिया गया। इन ब्लाक टिकटों की कीमत 8.30 करोड़ है। एम.ए.सी. 08 फरवरी, 2020 को बन्द कर दिये गये। लीड सेलर डैनी शाह की गिरफ्तारी अहमदाबाद से हुई। वह श्रवण के सम्पर्क में था। वे दोनों बिक्री से संतुष्ट नहीं थे तथा अपना साफ्टवेयर चाहते थे। दोनों ने ए.एन.एम.एस. को कापी एवं हैक करने का प्रयास किया। श्रवण बंगलोर में गिरफ्तार हुआ। अमित प्रजापति की गिरफ्तारी सूरत में हुई उसने रू. 7.94 करोड़ मूल्य के 37795 टिकटों का इस्तेमाल किया।
जो की आने वाले समय में रू. 2.59 करोड़ की टिकट बेचने वाला था। फ्युचर टिकटों ब्लाक किया जा रहा है तथा उसके पास से डिजिटल डिवाइस पाया गया है। पैनल सेलर प्रियाजित की गिरफ्तारी सिलांग में हुई जो ’’पाकिस्तान जिन्दाबाद’’ वाट्स ग्रुप का सदस्य है। साफ्टवेयर एक्सपर्ट रोषन की गिरफ्तारी जोधपुर में हुई है। शमषेर के साथ काम करने वाले प्रियाजीत ने अनेक साफ्टवेयर बेचे है। काका नाम के एक अन्य व्यक्ति को भी चिन्ह्ति किया गया है। टाउटिंग में लिप्त आई.आर.सी.टी.सी. के अधिकृत एजेन्टों के विरूद्व 11 एवं 12 फरवरी, 2020 को दो दिन कार्यवाही की गयी। 319 एजेन्ट गिरफ्तार हुए तथा 317 एजेन्ट आई.डी. को ब्लैक लिस्टिंग के लिये चिन्ह्ति किया गया। रूपया 37.86 लाख मूल्य के फीचर टिकटों को ब्लाक किया गया तथा रू. 1.19 करोड़ के प्रयुक्त टिकटों को बरामद किया गया।
वही 3 एजेन्टों ने अनाधिकृत साफ्टवेयर इस्तेमाल करने का जुर्म कबूला है। आप को बता दे की अगस्त, 2019 से जनवरी, 2020 तक आई.आर.सी.टी.सी. के 420 अधिकृत एजेन्ट टाउटिंग के आरोप में पकड़े जा चुके है। ए.एन.एम.एस. एवं एम.ए.सी. में क्रमषः 23 जनवरी एवं 08 फरवरी, 2020 से कार्य करना बन्द कर दिया। रेलवे सुरक्षा बल की कार्यवाही से आई-बाल एवं रेड बुल को भी समाप्त कर दिया गया। एन.जी.ई.टी., जगुआर, साईकिल, स्टार वी2 नये साफ्टवेयर मार्केट कैप्चर कर रहे है। क्रिस लगातार नये सिक्योरिटी फिचर्स अप-डेट कर रहा है। रेलवे सुरक्षा बल अवैध साफ्टवेयरों को निष्क्रीय करने पर अमादा है तथा भविष्य में यह अभियान जारी रहेगा।
अभी तक सभी अवैध साफ्टवेयरों को निष्क्रीय किया जा रहा है। कुछ जालसाज आन लाईन फर्जी साफ्टवेयर बेच कर एजेन्टों को छल रहे है । ये साफ्टवेयर काम नहीं करते है। कुछ आटो फिल फार्म जैसे-गूगल क्रोम एक्सटेन्षन इस्तेमाल किये जा रहे है लेकिन ये ओ.टी.पी. एवं आटो रीड कैप्चा को बाई पास नहीं कर सकते है।
Posted By:- Amitabh Chaubey