देश विदेश (जनमत):- रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वीके यादव ने गुरुवार को विडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये रेल अधिकारियों की बैठक ली| इस बैठक में तकनीकि सेवा में मिलाए जाने के कारण भारतीय रेल प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने गंभीर नाराजगी जताई| अधिकारियों के नाराज होते देख वीके यादव बैठक खत्म होने से पहले ही उठ कर चले गए| वही नाराज प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने कहा की निर्णय लेने से पहले उन से कोई चर्चा नहीं की गई| आगे अधिकारियों ने बताया की इस निर्णय से उन्हें बड़ा घाटा होगा| वही कम जानकारी वाले इंजीनियरिंग अधिकारियों के तुलना में MBBS,IPS,MBA, आदि ड्रिग्री विदेशो से हासिल करने वाले तमाम अधिकारी कनिष्ठ हो जएगे| अधिकारियों के भविष्य को देखते हुए यह निर्णय सही नहीं ठहराया जा सकता है,चूकि इससे असमानता और असहनशीलता के स्वर भी उठा सकते है| उन्हें पहले से ही पता होता तो वे रेलवे में नहीं आते| वही दक्षिण-पशिम रेलवे के एक अधिकारी ने बतया की अगर उन्हें पहले से ही पता होता तो वो अपनी IPS की नौकरी छोड़ कर रेलवे मै कभी नहीं आते| रेलवे अपने सभी अधिकारियों को एक सामान करने पर लगा है| वही रेलवे के अधिकारी कुमुल माथुर ने बतया की रेलवे ने बिना जस्टीफाई किये बिना ही इस शर्तों को लागू करने का निर्णय ले लिया है जो ठीक नहीं है| जिस की वजह से समस्या कम होने के बिना और बढेगी|
यह है पूरा मामला
आप को बाते दे की रेलवे ने अपने सभी विभागों को एक मे सामिल करने का निर्णय लिया था| जब की रेलवे के दो विभाग स्वास्थ्य और सर्विस विभाग इस मै सामिल नहीं है| मेडिकल और रेलवे पुलिस(RPF) को अभी भी स्वतंत्रत ही रखा गया है| इसे रेलवे के बजट को यूनियन बजट में शामिल करने के बाद अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कदम को माना जा रहा है| अभी तक रेलवे मै कुल मिला कर 8 विभाग है जिन्हें अप एक में मिलाया जा रहा है|
वही रेलवे के मुताबिक
वही इन सब मामले में रेलवे से बात की गई तो उन्होंने बतया की विभागीय मतभेदों के चले ही कामो में इतनी देरी होती है| एक दुसरे पर काम थोपने पर अधिकारी वर्षों तक कामो को अटकाए रखते है और फाइले एक से दुसरे विभागों में घुमती रहती| इसी लिए जब एक कैडर होगा तो निर्णय लेने में आसानी के साथ साथ जल्दी लिया जा सके गा|