लखनऊ(जनमत):- रेलवे स्टेशनों एवं परिसर में खोये हुए बच्चों को ढूंढकर उनको सकुशल उनके परिजनों एवं अभिभावकों को सौंपने की दिशा में निरंतर सक्रिय रहते हुए उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के रेलवे सुरक्षा बल द्वारा अथक प्रयास किये जाते हैं एवं इस कार्य के उचित संपादन हेतु अनेक प्रकार के अभियान एवं गतिविधियों को एक सुनियोजित नीति के तहत संचालित किया जाता है | मंडल का रेलवे सुरक्षा बल रेल यात्रियों को सुविधा और सुरक्षायुक्त यात्रा उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत रहता है।
भारतीय रेल के सुरक्षा प्रहरी के रूप में कार्यरत “रेलवे सुरक्षा बल” के समर्पण को तीन शब्दों- सुरक्षा, सतर्कता, सेवा के रूप में बताया जा सकता है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) रेल संपत्ति, यात्रियों और उससे संबंधित मामलों की सुरक्षा के दायित्व का निर्वहन करती है। उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल में रेल सुरक्षा बल के द्वारा कड़ाई से काम करते हुए मानवीय पहलुओं का पूरा ध्यान रखा जाता है। वर्तमान वर्ष 2022 में रेल सुरक्षा बल की उपलब्धियों के अंतर्गत अपने दायित्वों के निर्वहन के क्रम में जरूरतमंद यात्रियों को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ देखभाल और सुरक्षा की जरूरत वाली महिलाओं और बच्चों का बचाव का कार्य भी भली-भांति किया गया है।
“मेन इन यूनिफॉर्म” होने के नाते रेल सुरक्षा बल कर्मी अन्य लोगों की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ते हैं | उल्लखेनीय है कि वर्तमान वर्ष 2022 के दौरान माह जनवरी से मई तक मंडल के विभिन्न स्टेशनों एवं गाड़ियों में लावारिस अवस्था में मिले 83 बच्चों (40 लड़के एवं 43 लड़की), 03 लड़कियों एवं 06 लड़कों को अपने परिवार से पुनर्मिलन कराया गया एवं 73 बच्चो को चाइल्ड लाइन को एवं 01 को राजकीय रेलवे पुलिस को सुरक्षित रूप से सुपुर्द किया गया। उक्त जानकारी जनसंपर्क कार्यालय उत्तर रेलवे,लखनऊ के द्वारा प्राप्त हुई|