लखनऊ(जनमत):- उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल को टिकट जांच के माध्यम से बिना टिकट/अनियमित यात्रियों से कुल ₹26,22,83,560/- करोड़ रु. के राजस्व की प्राप्ति हुई है। लखनऊ मंडल के वाणिज्य विभाग ने टिकट जांच के नियमित जांच कार्यकलापों एवं अन्य प्रकार की टिकट चेकिंग गतिविधियों को आयोजित करते हुए यह उपलब्धि अर्जित की है| महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार होने से सभी गतिविधियों में तेजी आई है और सरकार के राजस्व में वृद्धि हुई है। रेलवे द्वारा टिकट जांच सदैव गतिशील रहने वाली ऐसी प्रणाली है जो विभिन्न रूपों में संपन्न की जाती है। ट्रेन में चल टिकट परीक्षकों (टीटीई) द्वारा नियमित टिकट जांच मुख्य रूप से नियमित तौर पर की जाती है।
इसके अलावा, समय-समय पर विशेष प्रकार की अन्य जांचों का भी आयोजन किया जाता है जैसे, उड़न दस्तों द्वारा औचक चेक, किलाबंदी जांच, अधिकारियो द्वारा जाँच आदि। बिना टिकट यात्रा को रोकने के उद्देश्य से मंडल द्वारा पूरे मंडल पर नियमित अभियान चलाए जा रहे हैं। बिना टिकट/अनियमित यात्रा करने वाले वाले यात्रियों को दंडित किया जाता है और उन्हें जांच के दौरान उचित टिकट दिए जाते हैं। इसी क्रम में मंडल ने माह जून-22 में टिकट जांच द्वारा बिना टिकट/अनियमित यात्रा करने वाले यात्रियों से कुल 10,98,40,632/- करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की है I टिकट जांच अभियान एक नहीं बल्कि दो उद्देश्यों को पूरा करता है।
जहाँ एक तरफ यह बेटिकट यात्रियों पर अंकुश लगाता है, वहीं ऐसे यात्री जो अनजाने में टिकट नहीं ले पाए या फिर उचित श्रेणी का टिकट नहीं ले पाए, उन्हें उचित टिकट की सुविधा भी प्रदान करता है। टिकट जांच अभियानों के दौरान टिकट जांच के अलावा, बिना बुक किए गए सामान की भी जांच की जाती है और गंदगी फैलाने वालों पर भी जुर्माना किया जाता है एवं यात्रियों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का कार्य भी संपन्न किया जाता हैI उक्त जानकारी रेखा शर्मा( वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, उत्तर रेलवे,लखनऊ) के द्वारा प्राप्त हुई|