संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान की 96 वीं शासी निकाय बैठक का आयोजन

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लखनऊ (जनमत):- संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGIMS) की 96 वीं शासी निकाय बैठक का आयोजन संस्थान के अध्यक्ष और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश सरकार दुर्गा शंकर मिश्रा की अध्यक्षता में किया गया था। संस्थान के निदेशक, प्रो0 आर के धीमन और कार्यकारी रजिस्ट्रार कर्नल वरुण बाजपेयी ने विभिन्न प्रशासनिक मामलों के साथ-साथ नए विभागों की शुरुआत, रेजिडेंट डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि, शैक्षणिक पाठ्यक्रमों से संबंधित विभिन्न एजेंडा प्रस्तुत किए।

संस्थान की सामान्य निकाय (general body) ने सिर और गर्दन की सर्जरी, बाल चिकित्सा एंडोक्रिनोलॉजी और संक्रामक रोग और वैक्सीन अनुसंधान के नए विभागों के सृजन को मंजूरी दी। जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश राज्य में किसी भी अस्पताल में एक समर्पित सिर और गर्दन की सर्जरी विभाग नहीं था। संजय गांधी पी जी आई में यह विभाग सिर और गर्दन के उन कैंसर के रोगियों के उपचार की आवश्यकता को पूरा करेगा, जो उत्तर प्रदेश राज्य में पाए गए कुल कैंसर के मामलों का 21% है। इस विभाग के बनने के बाद सिर और गर्दन के कैंसर का बेहतर और संगठित तरीके से इलाज किया जाएगा।

बाल एंडोक्रिनोलॉजी विभाग द्वारा  बच्चों में शारीरिक विकास और किशोरावस्था से जुड़ी समस्याओ का उपचार किया जायेगा। संस्थान ने 2001 में बाल एंडोक्रिनोलॉजी में पहला औपचारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया था। अब विभाग बनने के बाद मधुमेह, मोटापा, थायराइड और बच्चों में प्रचलित अन्य विकारों के मामलों का इलाज पूरे ध्यान और समर्पण के साथ किया जा सकता है।

हाल ही में कोविड महामारी के बाद संक्रामक रोग और वैक्सीन विकास विभाग की बहुत जरूरत थी। यह नया विभाग विशेष रूप से स्वाइन फ्लू, जापानी इंसेफेलाइटिस, वायरल हेपेटाइटिस और कोरोना जैसे संक्रामक रोगों से निपटेगा। गले के कैंसर, बाल चिकित्सा जटिलताओं और हाल ही में हुई कोविड महामारी को देखते हुए ये नए विभाग बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन नए विभागों में विशेष उपचार की उपलब्धता से उत्तर प्रदेश राज्य को दीर्घकालिक लाभ होगा।

जनरल बॉडी ने नर्सिंग कॉलेज में बीएससी और एमएससी सीटों में भी वृद्धि और विभिन्न विभागों में नए पाठ्यक्रमों को मंजूरी दी। निदेशक ने मुख्य सचिव को आश्वासन दिया कि  संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान उत्कृष्टता के लिए प्रयास कर रहा है और भविष्य में सर्वोत्तम संभव चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए सभी संसाधनों और सुविधाओं का बेहतर उपयोग और संवृद्धि की जाएगी। आलोक कुमार, प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा ने समग्र कार्यक्षमता में सुधार और शैक्षिक मानकों में सुधार की दिशा में अपने बहुमूल्य सुझाव दिए।

Posted By:- Amitabh Chaubey